loader

अमेरिका ने दिया डब्लूएचओ छोड़ने का नोटिस, राष्ट्रपति उम्मीदवार बाइडन ने किया विरोध

अब यह पक्का हो गया है कि अमेरिका विश्व स्वास्थ्य संगठन छोड़ रहा है, वह इस पर पुनर्विचार करने को तैयार नहीं है। अमेरिका ने मंगलवार को डब्लूएचओ को संगठन छोड़ने का औपचारिक नोटिस दे दिया। उसने संगठन पर आरोप लगाया है कि वह चीन के काफी नज़दीक है और उसने कोरोना संक्रमण के ख़तरों के बारे में दुनिया को जानकारी सही समय पर नहीं दी।  
दुनिया से और खबरें
दिलचस्प बात यह है कि अमेरिका में इस पर मतभेद है और बहुत बड़ी तादाद में लोग संगठन छोड़ने के पक्ष में नहीं हैं। डेमोक्रेट उम्मीदवार जो बाइडन ने कहा है कि यदि वे राष्ट्रपति चुने गए तो अमेरिका डब्लूएचओ नहीं छोड़ेगा।

क्या कहना है डेमोक्रेट्स का?

डेमोक्रेटिक पार्टी के वरिष्ठ नेता और सीनेट के विदेश मामलों की उप समिति के प्रमुख जेफ़ मर्कले ने भी ट्रंप के फ़ैसले का विरोध किया। उन्होंने कहा कि ‘यह चीन की बहुत बड़ी जीत और अमेरिका के लोगों के लिए बहुत बड़ा झटका है।’ 
विश्व स्वास्थ्य संगठन छोड़ने का अमेरिका का फ़ैसला ऐसे समय आया है जब वहाँ कोरोना से प्रभावित लोगों की संख्या 30 लाख के आसपास पहुँच रही है। सिर्फ एक दिन मंगलवार को टेक्सस और कैलिफ़ोर्निया ने 10 हज़ार नए कोरोना संक्रमण मामलों की पुष्टि की है। जॉन हॉपकिन्स विश्वविद्यालय के आँकड़ों के मुताबिक़, अमेरिका में 29.95 लाख लोग कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं। 

कारण क्या है?

बीते महीने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने संगठन छोड़ने का एलान करते हुए पत्रकारों से कहा, ‘क्योंकि डब्ल्यूएचओ ने हमारे अनुरोध को नहीं माना और वह ज़रूरी सुधार करने में विफल रहा है, इसलिए आज हम उससे अपने रिश्ते तोड़ रहे हैं।’ 
इस रिपब्लिकन नेता ने कहा था कि अमेरिका डब्ल्यूएचओ को दिए जाने वाले फ़ंड को दूसरी स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए देगा। ट्रंप ने चीन पर हमला बोला और कहा, ‘कोरोना वायरस के मसले पर दुनिया चीन से जवाब मांग रही है, इस मामले में हमें स्पष्ट होने की आवश्यकता है।’ 

पॉम्पिओ का आरोप

उसके भी पहले अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पॉम्पियो ने आरोप लगाया था कि कोरोना वायरस चीन के वुहान की प्रयोगशाला से निकला है और इस बात के काफ़ी सबूत हैं। लेकिन बीजिंग ने इन आरोपों को ग़लत बताया था। 

अमेरिका डब्ल्यूएचओ को बहुत बड़ी वित्तीय सहायता देता है और इसके संगठन से निकलने के कारण माना जा रहा है कि डब्ल्यूएचओ कमजोर हो सकता है। 

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

दुनिया से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें