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हम आगे बढ़ना चाहते हैं, भारत की ओर से बने अनुकूल माहौल: पाकिस्तान NSA

"पाकिस्तान भारत के साथ शांति चाहता है लेकिन हकीकत यह है कि भारत की हुकूमत ने सभी रास्ते बंद कर रखे हैं। हमने इस बात को कई बार कहा है कि गेंद भारत के पाले में है, हम आगे बढ़ना चाहते हैं लेकिन इसके लिए अनुकूल माहौल भारत की ओर से बनना चाहिए।" 

यह बात पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार मोईद यूसुफ ने ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ से इंटरव्यू में कही।

साल 2019 में हुए पुलवामा हमले और उसके बाद अगस्त में भारत की ओर से कश्मीर से अनुच्छेद 370 को खत्म करने के बाद से दोनों देशों के रिश्ते बिगड़ गए थे। 

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हालांकि जब भारत और पाकिस्तान के बीच बीते साल संघर्षविराम हुआ था, उसके बाद से ही यह उम्मीद की जा रही है कि दोनों देशों के रिश्ते अब बेहतर हो सकते हैं। उस दौरान ऐसी खबरें भी आई थीं कि भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और यूसुफ की किसी दूसरे देश में मुलाकात हुई थी। हालांकि यूसुफ ने इससे इनकार किया था।

यूसुफ ने कहा कि जब आप बातचीत करते हैं तो आप यह देखना चाहते हैं कि क्या दूसरा पक्ष इस बात को महसूस करता है कि आखिरकार हमें आगे बढ़ना होगा, दोनों को बैठना होगा और कोई बीच का रास्ता निकालना होगा। उन्होंने कहा कि भारत को आगे आना चाहिए और हमें बताना चाहिए कि वह ऐसा किस तरह कर सकता है। 

यूसुफ ने कहा कि पाकिस्तान ने हाल ही में भारत को सार्क समिट में आने के लिए निमंत्रण दिया था। पड़ोसी मुल्क के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने कहा कि उनके देश की जो राष्ट्रीय सुरक्षा नीति हाल ही में बनी है, उसमें यह साफ है कि पाकिस्तान आगे आना चाहता है और साझेदारी भी करना चाहता है। 

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उन्होंने इस बात को भी कहा कि कश्मीर पाकिस्तान के लिए एक अहम मुद्दा बना रहेगा और अनुच्छेद 370 और 35ए को पाकिस्तान स्वीकार नहीं करता।

यूसुफ ने कहा कि पाकिस्तान अपने हितों के लिए जो भी जरूरी कदम होगा उसे उठाएगा और चीन उसका नजदीकी साझेदार है। 

'माकूल जवाब देंगे' 

यूसुफ ने साफ शब्दों में कहा कि अगर भारत पाकिस्तान के लिए किसी तरह की मुश्किल खड़ी करेगा तो उनका देश इसका माकूल जवाब देगा। उन्होंने कहा कि भारत के सेना प्रमुख ने भी इस बात को कहा है कि चीन के साथ चल रहे भारत के विवाद के दौरान पाकिस्तान ने किसी तरह का तनाव नहीं पैदा किया है।

भारत और पाकिस्तान के बीच बीते दो साल से व्यापार रुका हुआ है। देखना होगा कि दोनों मुल्क तमाम कड़वी बातों को भुलाकर क्या आगे बढ़ते हैं?
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क़मर वहीद नक़वी
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