बर्तोल्त ब्रेख़्त की मशहूर कविता है- 'समाधान'। कविता कुछ इस तरह चलती है- '17 जून के विद्रोह के बाद / लेखक संघ के सचिव ने / स्टैलिनली में पर्चे बंटवाए / जिनमें कहा गया था / लोग सरकार का भरोसा खो चुके हैं / और इसे दुबारा बस दुगुना काम करके / हासिल कर सकते हैं। / ऐसी हालत में क्या ये ज़्यादा आसान नहीं होगा कि / सरकार जनता को भंग कर दे / और दूसरी जनता चुन ले?'