भारत के पड़ोस में एक नई चुनौती उभर रही है, जो देश की सुरक्षा और कूटनीति के लिए गंभीर खतरा बन रही है। यह चुनौती है चीन की अपने पड़ोसियों के साथ बढ़ती नजदीकी। पाकिस्तान तो पहले से ही चीन का 'लौह मित्र' रहा है, लेकिन अब नेपाल, बांग्लादेश, भूटान, म्यांमार और श्रीलंका जैसे देश भी धीरे-धीरे चीन के प्रभाव क्षेत्र में आते दिख रहे हैं। चीन अपनी बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव यानी बीआरआई के तहत भारी निवेश और रणनीतिक परियोजनाओं के जरिए भारत को क्षेत्रीय स्तर पर अलग-थलग करने की कोशिश कर रहा है। आखिर भारत अपने पड़ोसियों से क्यों दूर हो रहा है? क्या यह भारत की कूटनीति और विदेश नीति की असफलता नहीं है।
पड़ोसियों के ज़रिए भारत को घेर रहा है चीन!
- विश्लेषण
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- 5 Jun, 2025

चीन अपनी विस्तारवादी नीति के तहत भारत के पड़ोसी देशों में प्रभाव बढ़ाकर रणनीतिक घेराबंदी कर रहा है। नेपाल, श्रीलंका, बांग्लादेश और पाकिस्तान के साथ चीन के बढ़ते संबंध भारत की सुरक्षा पर क्या असर डाल सकते हैं?
चीन का BRI
चीन की बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव परियोजना यानी BRI दुनिया के 150 से अधिक देशों में 1 ट्रिलियन डॉलर से ज्यादा का निवेश कर रही है। इसका लक्ष्य सड़कों, रेल, बंदरगाहों और ऊर्जा परियोजनाओं के जरिए वैश्विक व्यापार और प्रभाव बढ़ाना है। भारत इस महत्वाकांक्षी परियोजना का हिस्सा नहीं है, लेकिन इसके पड़ोसी देश इस जाल में फंसते जा रहे हैं। खास तौर पर पाकिस्तान ने इस परियोजना से जैसे लॉटरी हासिल कर ली है।