पहलगाम में हुई सुरक्षा चूक और सरकार की नाकामी पर सवाल उठ रहे हैं। क्या एशिया कप में भारत की जीत से प्रधानमंत्री मोदी इस विवाद को पीछे छोड़ पाएंगे?
क्या क्रिकेट की जीत-हार को देश की जीत-हार से जोड़ा जा सकता है? बिल्कुल भी नहीं। अगर ऐसा होता, तो युद्धों की जगह क्रिकेट या कुश्ती से फैसले हो जाते। खेल का मकसद तनाव कम करना है, न कि बढ़ाना। लेकिन इस बार क्रिकेट को युद्ध का मैदान बनाया गया।