इस समय देश में दो आख्यान चल रहे हैं। एक है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जो राष्ट्र की एकता और अखंडता का आख्यान है और जो भारत को फिर से महान बनाने का दावा करता है। दूसरा आख्यान है नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी का जो कह रहे हैं कि देश के संविधान में सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय का जो संकल्प किया गया है वह सभी नागरिकों को मुहैया होना चाहिए। अगर सत्तापक्ष और प्रतिपक्ष में संवाद हो और जनता की समझदारी का स्तर ऊंचा हो तो इन दोनों को मिलाकर राष्ट्र और समाज का निर्माण किया जा सकता है जिसमें सभी को सुख और समृद्धि मिलने की गारंटी हो सकती है।
पीएम मोदी बनाम राहुल गांधीः लोकतंत्र में कल्याणकारी राज्य चाहिए या दमनकारी?
- विश्लेषण
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- 26 Aug, 2025

Modi vs Rahul: who is setting narratives: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, बीजेपी राष्ट्रीय एकता का तो राहुल गांधी सामाजिक-आर्थिक न्याय का नज़रिया पेश कर रहे हैं। लेकिन इन दोनों नज़रियों के बीच खासा टकराव भी है। जानिए अरुण कुमार त्रिपाठी सेः
लेखक महात्मा गाँधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय में प्रोफ़ेसर रहे हैं। वरिष्ठ पत्रकार हैं।