इतिहास में ऐसे क्षण आते हैं जब दुनिया की एक सामान्य धारा टूट जाती है। 22 सितम्बर 2025 को ब्रिटेन, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और पुर्तगाल तथा अगले दिन फ्रांस द्वारा फ़िलस्तीन को औपचारिक मान्यता देना पश्चिमी कूटनीति में वही ऐतिहासिक मोड़ है। ले मोंडे ने इस पर टिप्पणी करते हुए लिखा, "यह वह क्षण है जब यूरोप ने अमेरिकी कूटनीति की अनुगामी बनने से इनकार कर दिया और अपनी नैतिक रीढ़ की खोज की।"