बीजेपी के छह मंत्रियों का नेतृत्व करते हुए मोदी सरकार में नंबर दो माने जाने वाले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने जब प्रेस कॉन्फ्रेन्स में यह बात कही कि वह सोच भी नहीं सकते कि वह या उनकी पार्टी किसानों के विरोध में कोई कदम उठा सकती है तो यह प्रतिक्रिया भावनात्मक अधिक महसूस हुई। जब उन्होंने कृषि बिल पर विरोध के बारे में कुछ न बोलकर विपक्ष के आचरण और संसद की मान-मर्यादा पर अधिक ज़ोर दिया, तब भी वो सायास या अनायास किसानों के मुद्दे की ही अनदेखी कर रहे थे।
मोदीजी! किसान बिल पारित हुआ नहीं तो दिन ऐतिहासिक कैसे?
- विश्लेषण
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- 21 Sep, 2020

बीजेपी कह रही है कि कांग्रेस के घोषणा पत्र में जो था, वही लागू किया गया है, फिर कांग्रेस क्यों विरोध कर रही है?