लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गाँधी के राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के ख़िलाफ़ लगातार आक्रमण का असर उसके शताब्दी समारोह पर भी पड़ा है। 26 अगस्त को दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में सरसंघचालक मोहन भागवत को उन तमाम मुद्दों पर सफ़ाई देनी पड़ी जो संघ को लेकर उठते हैं। उन्होंने अपनी हिंदू राष्ट्र की अवधारणा को समावेशी और समानतावादी करार दिया पर ये भी कहा कि यह पश्चिमी राष्ट्र राज्य की अवधारणा से अलग है। उन्होंने दावा किया कि संघ किसी को धार्मिक आधार पर पराया नहीं मानता और उसका सार ‘भारत माता की जय’ के नारे में है। लेकिन भागवत की इन सफ़ाइयों से कई सवाल और खड़े हो गये हैं।