कोई भी हिंदुस्तानी जो स्वतंत्रता संग्राम के शहीदों को सम्मान देता है उसके लिए यह कितने दुःख और कष्ट की बात हो सकती है कि आरएसएस अंगे्रज़ों के विरुद्ध प्राण न्योछावर करने वाले शहीदों को अच्छी निगाह से नहीं देखता था। श्री गुरुजी ने शहीदी परम्परा पर अपने मौलिक विचारों को इस तरह रखा हैः
शहीदों के प्रति आरएसएस ऐसा सोचता है, जानिए
- विश्लेषण
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- 29 Mar, 2025

आरएसएस की तीन दिनों की बैठक रविवार 23 मार्च को बेंगलुरु में खत्म हुई। 23 मार्च को ही शहीद-ए-आजम भगत सिंह का बलिदान दिवस है यानी आज के ही दिन अंग्रेजों ने उन्हें फांसी दी थी। लेकिन आरएसएस ने शहीदों को लेकर कोई प्रस्ताव पास नहीं किया। आरएसएस का देश के लिए कुर्बानी देने वाले शहीदों के प्रति क्या नज़रिया है, जानिएः