महाभारत में एक प्रकरण है। कौरवों और पांडवों में संपत्ति के बँटवारे की बात चल रही थी। नियम के मुताबिक़, दोनों आधी-आधी संपत्ति के हिस्सेदार थे। झगड़ा बढ़ता देखकर युद्ध रोकने के लिए पांडवों की ओर से वार्ताकार कृष्ण ने आख़िरी प्रस्ताव रखा कि पांडवों को 5 गाँव दे दिए जाएँ, जहाँ वे बस जाएँगे। इस पर कौरवों के अगुआ दुर्योधन ने कहा, ‘मैं सुई की नोक के बराबर ज़मीन भी नहीं दूँगा।’