असम के लोकप्रिय गायक जुबीन गर्ग की मौत रहस्यमय पहेली बनती जा रही है। चार्जशीट आने से पहले ही मुख्यमंत्री द्वारा इसे ‘हत्या’ बताया जाना कई सवाल खड़े करता है।
असम के मशहूर गायक जुबीन गर्ग की सिंगापुर में मौत एक रहस्यमय पहेली बनी हुई है। इस मौत की जाँच के लिए गठित विशेष कार्य बल यानी एसआईटी ने इस मामले में सात लोगों को गिरफ्तार किया है। लेकिन उसकी ओर से अदालत में चार्जशीट दायर होने से पहले से मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने इसे साफ़ हत्या क़रार दिया है।
गर्ग नॉर्थ ईस्ट इंडिया फेस्टिवल में हिस्सा लेने सिंगापुर गए थे। लेकिन उत्सव से एक दिन पहले ही 19 सितंबर को समुद्र में तैरते समय कथित रूप से बेहोश हो गए थे और उसी वजह से उनकी मौत हो गई थी। इस मामले में अब तक सात लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
जुबीन की लोकप्रियता
उनकी मौत असम में हाल के वर्षों का सबसे बड़ा मुद्दा बनी हुई है। पहले दिन से ही इस पर अटकलों और बहस का दौर जारी है। उनके प्रशंसक दो महीने से भी ज्यादा समय से उनकी याद में सोनापुर में एक स्मारक बना कर चौबीसों घंटे वहां गुजार रहे हैं।
जुबीन की मौत के बाद हाल में रिलीज होने वाली उनकी फ़िल्म रोई रोई बिनाले कामयाबी के नए रिकॉर्ड बना रही है। 31 अक्टूबर को रिलीज होने वाली यह फ़िल्म असम के अलावा देश के दूसरे हिस्सों में भी लगातार हाउसफुल जा रही है। यह सबसे ज्यादा कमाई करने वाली असमिया फिल्मों की सूची में पांचवें नंबर पर पहुंच गई है।
जुबीन की लोकप्रियता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि मौत के बाद भी उनके 53वें जन्मदिन के मौके पर गोलाघाट जिले में विभिन्न संगठनों और स्थानीय लोगों की ओर से 18 और 19 नवंबर को दो दिवसीय कार्यक्रम आयोजित किया गया था।सरकार ने जुबीन गर्ग को भारत रत्न देने के लिए भी लामबंदी शुरू कर दी है। मुख्यमंत्री का कहना है कि अगर विधानसभा में इस आशय का प्रस्ताव पारित होता है तो सरकार उसका स्वागत करेगी।
सीएम पर हकीकत छिपाने का आरोप
जुबीन की मौत पर विवाद भी तेज हो गया है। कांग्रेस के अलावा कई अन्य संगठनों ने भी मुख्यमंत्री के बयान की निंदा करते हुए उन पर हकीकत छिपाने का आरोप लगाया है।
कांग्रेस ने इसके पीछे 'ताक़तवर और अदृश्य ताक़तों' का हाथ होने का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री पर सदन में अहम जानकारी नहीं देने का आरोप लगाया है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गौरव गोगोई कहते हैं कि मुख्यमंत्री ने इस हत्या के पीछे एक मास्टरमाइंड होने का संकेत तो दिया था, लेकिन सदन में पूरी बात नहीं बताई है। पार्टी एसआईटी की रिपोर्ट का इंतज़ार करेगी। उनकी दलील है कि अब तक गिरफ्तार लोग ही गर्ग की हत्या के दोषी नहीं हैं। इसके पीछे वह ताक़तवर व्यक्ति है जिसने परदे के पीछे रह कर इसे अंजाम दिया है।
हिमंता ने विधानसभा में अपने बयान में गर्ग की मौत को हत्या बताते हुए कहा था कि इसकी ज़मीन क़रीब आठ साल पहले से तैयार हुई थी। लेकिन अब इस मामले में कोई भी दोषी नहीं बचेगा। उन्होंने संकेत दिया कि पैसों का लेन-देन ही इस हत्या के पीछे मूल कारण हो सकता है।सीएम गुमराह कर रहे हैं: कांग्रेस
कांग्रेस के मुताबिक़, आम लोगों को अब मुख्यमंत्री पर इस मामले में न्याय दिलाने का भरोसा नहीं रहा है। इसलिए हिमंता लोगों को गुमराह कर रहे हैं। गोगोई का सवाल था कि अगर मुख्यमंत्री को इस हत्या के बारे में सब कुछ मालूम ही था तो एसआईटी के गठन की ज़रूरत क्यों पड़ी?
लेकिन हिमंता ने एसआईटी के गठन का बचाव करते हुए कहा है कि अब तक 252 गवाहों से पूछताछ की गई है और 29 चीजें जब्त हुई हैं। फ़ैसला सुनाना अदालत का काम है। लेकिन जुबीन को न्याय दिलाने के लिए हमें चार्जशीट दायर होने से पहले जाँच अधिकारियों पर सवाल उठा कर उनका मनोबल नहीं गिराना चाहिए। सरकारी सूत्रों ने बताया कि इस मामले में एसआईटी आठ दिसंबर को अदालत में चार्जशीट दायर करेगी। उन्होंने जुबीन की हत्या के मुद्दे पर विपक्षी दलों के बयानों के लिए उनकी निंदा की है। उनका कहना है कि विपक्ष जुबीन गर्ग को न्याय दिलाने की आड़ में अपना सियासी हित साधने का प्रयास कर रहा है।
जुबीन की मौत पर जारी कयास और विवादों के बीच अब उनके प्रशंसकों के साथ ही राज्य के आम लोगों को भी एसआईटी की ओर से चार्जशीट दायर होने का इंतज़ार है ताकि यह पहेली सुलझ सके।