बिहार के अररिया ज़िले में एक युवती के साथ छह जुलाई को गैंगरेप होता है। इसके बाद जब वह 10 जुलाई को मजिस्ट्रेट के सामने अपनी मददगारों के समक्ष 164 के बयान पढ़े जाने की माँग करती है तो ज़िला न्यायालय पीड़िता और उसकी दो मददगारों को कोर्ट की अवमानना के मामले में जेल भेज देता है। न्यायिक संवेदनहीनता का यह मामला तूल पकड़ता है और इसकी गूंज राष्ट्रीय स्तर तक जाती है। इस मामले में इंदिरा जय सिंह, प्रशांत भूषण, वृंदा ग्रोवर, रेबेका जॉन, मुकुल तलवार समेत देश भर के 376 जाने-माने वकीलों ने पटना उच्च न्यायालय से बुधवार को अनुरोध किया है कि पीड़िता और उसके दो सहयोगियों को तत्काल रिहा किया जाए।
अररिया गैंगरेप: पीड़िता को रिहा करने के लिए 376 वकीलों ने हाईकोर्ट को लिखा ख़त
- बिहार
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- 16 Jul, 2020

गैंगरेप पीड़िता को जेल से रिहा करने के लिए इंदिरा जय सिंह, प्रशांत भूषण, वृंदा ग्रोवर, रेबेका जॉन, मुकुल तलवार समेत देश भर के 376 जाने-माने वकीलों ने पटना उच्च न्यायालय को ख़त लिखा है।
अब ख़बर है कि पटना हाई कोर्ट ने आख़िरकार इस मामले में सुनवाई करने का फ़ैसला किया है। अदालत ने इससे पहले अररिया सत्र न्यायाधीश से घटना पर रिपोर्ट माँगी थी।