बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पिछले कुछ महीनों से ताबड़तोड़ ऐसी घोषणाएं कर रहे हैं जिसके बारे में नेता प्रतिपक्ष, तेजस्वी यादव का कहना है कि वह उनकी घोषणाओं की नकल है। इसी कड़ी में नीतीश कुमार ने सोमवार को बिहार में नौकरियों में डोमिसाइल नीति लागू करने की घोषणा की है जबकि उनकी सरकार बराबर इसके खिलाफ तर्क दे रही थी।
बिहार की राजनीति में इन दिनों एक नई लड़ाई शुरू हो गई है- घोषणाओं की। तेजस्वी यादव की नीतियों और वादों को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा अपनाए जाने पर सवाल उठ रहे हैं।

बिहार की नौकरियों में डोमिसाइल नीति लागू करने की घोषणा तेजस्वी यादव और महागठबंधन में शामिल अन्य नेताओं ने की थी लेकिन मार्च तक विधानसभा में जदयू के वरिष्ठ नेता इसके खिलाफ तर्क दे रहे थे। डोमिसाइल नीति से पहले मुफ्त बिजली देने और सामाजिक पेंशन बढ़ाने के मुद्दे पर भी नीतीश कुमार सरकार को तेजस्वी यादव ने बैकफुट पर ला दिया था।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि चुनावी वर्ष में नीतीश कुमार उन बहुत सी घोषणाओं पर अमल करने को मजबूर हुए हुए हैं जिसकी शुरुआत मूल रूप से तेजस्वी यादव ने की थी। एक और दिलचस्प बात यह है कि ऐसी सभी घोषणाएं नीतीश कुमार की ओर से तब की जा रही हैं जबकि उनकी सेहत पर सवाल उठ रहे हैं और जब उनकी सेहत पर सवाल नहीं उठ रहे थे तो उन्होंने ऐसी घोषणाएं नहीं की थीं।