जीतन राम मांझी और उपेंद्र कुशवाहा ने एनडीए में सीट बँटवारे को पहले 'खुशी-खुशी स्वीकार किया था, लेकिन अब दोनों नेताओं का रुख़ बदला हुआ दिख रहा है। क्या बिहार एनडीए में फिर से असंतोष पनप रहा है?
एनडीए में रविवार को सीट बँटवारे के बाद जब दावा किया गया कि 'एनडीए के सभी दलों के कार्यकर्ता और नेता इसका स्वागत करते हैं' तो फिर अब जीतन राम मांझी और उपेंद्र कुशवाहा के नाराज़ होने की ख़बरें क्यों आ रही हैं? जहाँ जीतन राम मांझी ने कहा है कि इसका एनडीए को नुक़सान होगा वहीं उपेंद्र कुशवाहा तो अब 'साज़िशों' की बात कर रहे हैं।
राष्ट्रीय लोक मोर्चा यानी आरएलएम के उपेंद्र कुशवाहा ने सोमवार को बिना नाम लिए 'साज़िश' की बात की। उनकी नाराज़गी की ख़बरों के बीच कुशवाहा ने ट्वीट कर कहा है, 'आज बादलों ने फिर साजिश की, जहां मेरा घर था वहीं बारिश की। अगर फलक को जिद है बिजलियां गिराने की, तो हमें भी जिद है वहीं पर आशियां बसाने की।'
'आज कई घरों में खाना नहीं बना होगा'
इससे पहले कुशवाहा ने रविवार देर रात को पार्टी के कार्यकर्ताओं से माफी मांगते हुए अपना दुख साझा किया था। वह कितने दुखी थे इसको उनकी इस बात से समझा जा सकता है जिसमें उन्होंने कह दिया कि 'आज कई घरों में खाना नहीं बना होगा'।
उन्होंने अपने लोगों को संबोधित करते हुए लिखा था, 'आप सभी से क्षमा चाहता हूँ। आपके मन के अनुकूल सीटों की संख्या नहीं हो पायी। मैं समझ रहा हूं, इस निर्णय से अपनी पार्टी के उम्मीदवार होने की इच्छा रखने वाले साथियों सहित हजारों - लाखों लोगों का मन दुखी होगा। आज कई घरों में खाना नहीं बना होगा। परन्तु आप सभी मेरी एवं पार्टी की विवशता और सीमा को बखूबी समझ रहे होंगे।'
उन्होंने आगे लिखा था, 'किसी भी निर्णय के पीछे कुछ परिस्थितियां ऐसी होती हैं जो बाहर से दिखतीं हैं मगर कुछ ऐसी भी होती हैं जो बाहर से नहीं दिखतीं। हम जानते हैं कि अन्दर की परिस्थितियों से अनभिज्ञता के कारण आपके मन में मेरे प्रति गुस्सा भी होगा, जो स्वाभाविक भी है। आपसे विनम्र आग्रह है कि आप गुस्सा को शांत होने दीजिए, फिर आप स्वयं महसूस करेंगे कि फैसला कितना उचित है या अनुचित। फिर कुछ आने वाला समय बताएगा। फिलहाल इतना ही।'
मांझी का रोष: 'परिणाम भुगतने होंगे'
केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने सीट बंटवारे पर तीखी प्रतिक्रिया दी। ईटी की रिपोर्ट के अनुसार मांझी ने कहा, 'आलाकमान ने जो भी फ़ैसला किया है, हमने उसे स्वीकार कर लिया है। लेकिन हमें सिर्फ़ छह सीटें देकर उन्होंने हमें कमतर आँका है। इसका चुनावों में एनडीए को नुकसान उठाना पड़ सकता है।'
'सौहार्दपूर्ण' सीट बँटवारे का दावा
बिहार विधानसभा चुनाव के लिए एनडीए ने रविवार को सीट बंटवारे की घोषणा कर दी। बीजेपी और जेडीयू को 101-101 सीटें मिलीं, जबकि चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (राम विलास) को 29 सीटें आवंटित की गईं। मांझी की हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (सेकुलर) और कुशवाहा के राष्ट्रीय लोक मोर्चा को 6-6 सीटें मिली हैं। एनडीए के केंद्रीय चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान ने घोषणा की कि गठबंधन के पांचों दलों ने 'सौहार्दपूर्ण' चर्चाओं के बाद यह फॉर्मूला तय किया है।
भाजपा और जेडीयू को बराबर 101-101 सीटें मिलने से 'कोई बड़ा भाई नहीं' का संदेश दिया गया है, जो 2020 के चुनावों से अलग है, जब जेडीयू को 115 और भाजपा को 110 सीटें मिली थीं।
नीतीश के ख़िलाफ़ साज़िश: पप्पू यादव
निर्दलीय सांसद पप्पू यादव ने एनडीए सीट बँटवारा फॉर्मूले को नीतीश के ख़िलाफ़ साज़िश क़रार दिया है। उन्होंने एक्स पर लिखा, 'संजय झा ने आज अपना मिशन पूरा कर लिया। नीतीश कुमार जी को सीएम की गद्दी छोड़ने हेतु मजबूर करने का षड्यंत्र पूरा।' उन्होंने इसको आँकड़ों से समझाया।
पप्पू यादव ने आगे लिखा, 'BJP 101 सीट और बीजेपी की H टीम मतलब मोदी के हनुमान को 29 सीट, पिछलग्गू दो टीम को 12 सीटें दी गईं। अर्थात टीम बीजेपी 142 सीट पर लड़ेगी। JDU 101 पर! नीतीश जी को फिनिश करने का अभियान पूरा।'
एनडीए का दावा है कि 'पूर्ण एकता' से वे बहुमत हासिल करेंगे, लेकिन मांझी-कुशवाहा का असंतोष गठबंधन की मजबूती पर सवाल खड़े कर रहा है।