वक्फ कानून ने जहां राष्ट्रव्यापी हलचल मचा दी है, वहां इसने बिहार की राजनीति और समीकरणों को सीधे प्रभावित किया है। जाने माने पत्रकार और बिहार की राजनीति पर पैनी नजर रखने वाले शैलेश बहुत बारीकी से सारे समीकरणों को समझा रहे हैं। आप भी समझिएः
बी जे पी को मुसलिम वोटों की चिंता नहीं है। लेकिन एन डी ए में शामिल बिहार के अन्य दल जैसे जे डी यू , लोक जन शक्ति पार्टी (राम बिलास पासवान), हिंदुस्तान अवाम पार्टी और इनके नेता नीतीश कुमार,चिराग पासवान, जीतन राम मांझी और उपेंद्र कुसवाहा मुसलिम विरोधी नहीं माने जाते हैं।
माई पर भी संकटः लालू यादव की पार्टी आर जे डी की ताकत शुरू से ही यादव के साथ मुसलमान रहे हैं। नब्बे के दशक में लालू ने एम वाई अर्थात मुसलिम और यादव समीकरण तैयार किया। करीब 17 प्रतिशत मुसलमान और 14 प्रतिशत यादव के साथ कुछ अन्य पिछड़ी जातियों कि मदद से लालू ने कांग्रेस को सत्ता से बाहर कर दिया। 2005 में अति पिछड़ा और अति दलित के नए समीकरण के साथ सवर्णों के समर्थन से नीतीश ने लालू को सत्ता से बाहर कर दिया।