Bihar Power Scam Latest: भाजपा नेता और पूर्व ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने बिहार में 62 हज़ार करोड़ के बिजली घोटाले का आरोप लगाया। उनके इंटरव्यू को एबीपी चैनल ने डिलीट कर दिया। भाजपा नेता चुप नहीं हुए, वरिष्ठ पत्रकार अजीत अंजुम को दिए इंटरव्यू में और मुखर होकर बोले।
भाजपा नेता आरके सिंह ने बिजली घोटाले के आरोपों को दोहराया।
सीनियर बीजेपी नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री आरके सिंह ने हाल ही में बिहार में 62000 करोड़ रुपये के बिजली घोटाले के आरोपों को दोहराया है। इस कथित घोटाले का संबंध अडानी समूह की कंपनी अडानी पावर से है। बीजेपी ने इस आरोप का आरके सिंह को जवाब नहीं दिया या खंडन नहीं किया।
बीजेपी आरके सिंह को पार्टी से निकाल भी नहीं रही है। सिंह के उस इंटरव्यू को एबीपी ने लिया था। सोशल मीडिया पर इंटरव्यू वायरल हो गया। लेकिन इंटरव्यू आने के 24 घंटे के अंदर एबीपी ने अपने उस ट्वीट को डिलीट कर दिया, जिसमें उस इंटरव्यू का लिंक था।
इस घटनाक्रम के बाद वरिष्ठ पत्रकार अजीत अंजुम आरके सिंह से बातचीत करने पहुंच गए। आरके सिंह ने तमाम आरोपों को फिर से दोहराया और कहा- हम गाय बकरी हैं कि चुप रह जाएं।
आरके सिंह ने कहा कि उन्हें चुप नहीं कराया जा सकता। भाजपा क्यों नहीं जांच कराती। हम गाय बकरी नहीं हैं कि चुप रह जाएं। आरके चौधरी ने बिहार के डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी पर भी भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था। लेकिन तारापुर विधानसभा क्षेत्र में चुनाव प्रचार के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि क्या पता मोदी जी सम्राट चौधरी को और बड़ी जिम्मेदारी दे दें। अजित अंजुम ने सवाल किया कि आरोप लगाकर आरके सिंह चुप होकर घर बैठ गए। आरके सिंह ने कहा कि वे अपनी बात कह रहे हैं। उन्हें चुप नहीं कराया जा सकता। आरके ने कहा- हम किसी के बाप का कर्जा खाएं हैं जो चुप हो जाएंगे। हम चुप नहीं होंगे। कोई अपराधी है तो बोलेंगे।
आरके सिंह ने कहा कि 62000 करोड़ के घोटाले में नीतीश कुमार मंत्रिमंडल के लोग जांच के दायरे में लाएं जाएं। जेडीयू के लोग जांच के दायरे में लाए जाएं। ऊर्जा मंत्री जेडीयू से हैं, वित्त मंत्री बीजेपी से हैं। इन सभी को जांच के दायरे में लाया जाए। अजीत अंजुम ने कहा कि अडानी आरके सिंह पर मुकदमा कर सकते हैं। इस पर आरके ने कहा- तो करे न मुकदमा। हम लड़ लेंगे। हम आपका मुकदमा भी लड़ लेंगे।
अडानी के साथ 25 साल का 'महंगा' समझौता
आरके सिंह ने आरोप लगाया: "यह बहुत बड़ा घोटाला है। अडानी के साथ समझौता किया गया है कि सरकार 25 साल तक बिजली ₹6.075 प्रति यूनिट पर खरीदेगी। यह समझौता उन्होंने किया है। अडानी को एक पावर प्लांट लगाने के लिए बढ़ी हुई कीमत पर बहुत पैसा दिया गया है।" पूर्व मंत्री ने दावा किया कि इस समझौते से कंपनी को अगले 25 वर्षों में ₹62,000 करोड़ से अधिक का भुगतान होगा, जिससे राज्य के उपभोक्ताओं पर कृत्रिम रूप से भारी टैरिफ का बोझ पड़ेगा।
उन्होंने कहा, "पूंजी पर रिटर्न सिर्फ 15 प्रतिशत है। उन्हें वह मिलेगा, लेकिन इसके अलावा, सरकार अतिरिक्त भुगतान कर रही है। इसे कौन वहन करेगा? जनता करेगी। प्रति यूनिट ₹1.41 अधिक वसूला जा रहा है। यह ₹6,200 करोड़ का घोटाला है। इसकी सीबीआई जांच होनी चाहिए।"
'पावर डील की आड़ में धोखाधड़ी', अधिकारियों को जेल भेजने की मांग
आर.के. सिंह ने इस पूरे मामले को "पावर डील की आड़ में धोखाधड़ी" बताया और आरोप लगाया कि राज्य के ऊर्जा विभाग के कई वरिष्ठ अधिकारी इसमें शामिल थे। उन्होंने कड़े शब्दों में मांग की, "उन सभी को जेल जाना चाहिए।" उनका कहना है कि अनियमितताओं के पूरे पैमाने का पता लगाने के लिए सीबीआई जांच ही एकमात्र रास्ता है। उन्होंने तर्क दिया कि समझौते की संरचना यह सुनिश्चित करती है कि कंपनी न केवल अपना पूंजी निवेश वसूल करेगी, बल्कि "बिहार की आम जनता की कीमत पर" पर्याप्त अतिरिक्त लाभ भी कमाएगी।
चुनाव से ठीक पहले अपनी ही पार्टी के एक वरिष्ठ नेता द्वारा लगाए गए इन आरोपों ने भाजपा के लिए असहज स्थिति पैदा कर दी है। विपक्षी दलों ने इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा भाजपा से आरोपों पर अपना रुख स्पष्ट करने की मांग की है। कांग्रेस के कई नेताओं ने सिंह के इंटरव्यू का एक क्लिप सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर साझा किया है।
हालांकि, आरके सिंह ने अपने आरोपों को दोहराते हुए अडानी का नाम फिर से लिया है। लेकिन अडानी समूह ने अभी तक आर.के. सिंह के दावों पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है। आमतौर पर अडानी समूह उसके खिलाफ मामूली आरोप लगने पर भी फौरन खंडन या सफाई जारी करता है। लेकिन आके सिंह के आरोपों पर अडानी समूह फिलहाल चुप है।