Bihar Ministers attacked: बिहार में अभी तक दो मंत्रियों पर हमले हो चुके हैं। इन हमलों को बढ़ते अपराध और बिहार एसआईआर को लेकर ग्रामीणों के गुस्से से जोड़ा जा रहा है। राज्य में चुनाव एकदम नज़दीक हैं।
मंत्री श्रवण कुमार को नालंदा में ग्रामीणों ने दौड़ाया
बिहार के नालंदा जिले में ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार और जेडीयू विधायक कृष्ण मुरारी शरण को ग्रामीणों के गुस्से का सामना करना पड़ा। यह घटना बुधवार को हुई जब दोनों नेता हाल ही में हुए एक सड़क हादसे में मारे गए नौ लोगों के परिजनों से मिलने मलावन गांव पहुंचे थे। इस हादसे में शनिवार को एक ऑटो-रिक्शा और तेज रफ्तार ट्रक की टक्कर में आठ महिलाओं सहित नौ लोगों की मौत हो गई थी। ग्रामीणों ने पीड़ित परिवारों के लिए तत्काल मुआवजे की मांग की, लेकिन जब मंत्री ने कहा कि इस मुद्दे पर "बाद में चर्चा होगी," तो भीड़ भड़क उठी। सोशल मीडिया पर लोगों ने इसे बिहार एसआईआर के गुस्से से भी जोड़ा है। इससे पहले मंत्री मंगल पांडे पर भी हमला हुआ था। उस घटना को भी एसआईआर से जोड़ा गया था।
सैकड़ों ग्रामीणों ने बांस की लाठियों और पत्थरों के साथ मंत्री और विधायक को लगभग एक किलोमीटर तक दौड़ाया। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में श्रवण कुमार अपनी धोती पकड़कर भागते नजर आए, जबकि सुरक्षाकर्मी और पार्टी कार्यकर्ता उन्हें बचाने की कोशिश कर रहे थे। इस हंगामे में एक सुरक्षा अधिकारी घायल हो गया। मंत्री को भागने के लिए तीन बार गाड़ियां बदलनी पड़ीं।
एक दिन पहले स्वास्थ्य मंत्री पर हमला
यह घटना उस वक्त हुई जब ठीक एक दिन पहले, मंगलवार को, पटना में बिहार के स्वास्थ्य मंत्री और भाजपा नेता मंगल पांडे की कार पर गुस्साए लोगों ने हमला किया था। यह हमला भी एक सड़क हादसे से जुड़े मुआवजे की मांग को लेकर हुआ था। इस तरह, लगातार दो दिनों में बिहार के दो मंत्रियों पर जनता के गुस्से का शिकार होने की घटनाएं सामने आई हैं, जो राज्य में कानून-व्यवस्था और जनता के असंतोष को दर्शाती हैं। इस हमले को भी बिहार एसआईआर से जोड़ा गया। लोगों ने सोशल मीडिया पर लिखा है, ऐसी घटनाएं तो पहले भी होती थीं। लेकिन ग्रामीणों की कोई प्रतिक्रिया नहीं होती थी।
आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने मंत्री मंगल पांडे पर हुए हमले का वीडियो एक्स पर ट्वीट किया था। तेजस्वी ने लिखा था- विगत चंद दिनों में राजधानी पटना में घर में घुसकर 5-6 बच्चों की दर्दनाक और खौफनाक हत्याएं हुई है। ध्वस्त विधि व्यवस्था एवं शासन-प्रशासन से सुनवाई-कार्रवाई नहीं होने के कारण कल ही पटेल नगर में दो बच्चों की हत्या से आक्रोशित लोगों ने स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे की गाड़ी पर हमला किया। जनाब पांडे जी, इतने असंवदेनशील, अंहकारी और संभ्रांत मंत्री है कि पीड़ितों से बात करना भी अपना अनादर समझते है। तेजस्वी ने लिखा- मोदी जी के अपराधियों वाले मंगलराज में अब सत्ताधारी भाजपाई गुंडों द्वारा घर में घुसकर मारने का एक नया ट्रेंड बन गया है। अचेत और बेसुध मुख्यमंत्री के कारण जब अपराधी प्रवृति के “नायब मुख-मंत्री” बिहार पुलिस को हांकेंगे तो कानून व्यवस्था की इससे भी अधिक दुर्गति होनी तय है।
सोशल मीडिया पर सुनील सवर्ण ने टिप्पणी की है-
पूरे बिहार में एनडीए के सभी नेता का लगभग यही हाल होने वाला है जैसे जैसे चुनाव नजदीक आयेगा देखते जाओ हर जगह से इसी प्रकार का वीडियो देखने को मिलेगा,कोई भी नेता चाहे पंचायत स्तर का हो या फिर राज्य या केंद्र का अब किसी को ज़्यादा दिनों तक बेवकूफ नहीं बनाया जा सकता है।सोशल मीडिया पर नीतीश शाक्य ने लिखा है-
बिहार है बदलाव के लिए तैयार। बिहार में इस बार कई नेताओं मंत्रियों की ऐसे ही पिटने की खबरें आएंगीं। भ्रष्टाचारी नेताओं मंत्रियों को अपनी इज़्ज़त बचानी हो तो इस बार चुनाव ही ना लड़ें क्योंकि पिटने के बाद तो इज्ज़त भी नहीं बचेगी, चुनाव हारोगे सो अलग।