चुनाव आयोग ने बिहार में भारी विरोध और परेशानियों के बाद चुपचाप यह फ़ैसला सुनाया है कि जिन 11 दस्तावेजों की सूची दी गई थी उनमें से अगर एक भी डॉक्यूमेंट किसी के पास नहीं है तब भी उसका एन्यूमरेशन फॉर्म जमा हो सकता है। इससे साफ़ पता चलता है कि चुनाव आयोग ने जो शुरुआती तेवर दिखाए थे वह अब ढीले पड़ चुके हैं लेकिन इसमें कुछ पेच अब भी बाकी है।
बिहार में चल रहे विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान पर चुनाव आयोग के तेवर नरम क्यों पड़ते दिख रहे हैं। जानिए, दस्तावेज़ों की अनिवार्यता पर आयोग ने अब क्या नयी घोषणा की।

बिहार में चुनाव आयोग को एसआईआर यानी विशेष गहन पुनरीक्षण करना था लेकिन फ़िलहाल वह अपने ही आदेश की लगातार समीक्षा कर रहा है। दस्तावेज़ों के मामले में चुनाव आयोग तो पीछे हट गया है लेकिन वह अभी कह रहा है कि अगर वोटर कार्ड बना हुआ है तो भी गणना प्रपत्र (एन्यूमरेशन फॉर्म) भरना ज़रूरी है।