भले ही प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री अमित शाह चीख-चीख कर कह रहे हों कि नागरिकता क़ानून पर पीछे हटने का सवाल ही नहीं है, बीजेपी के सहयोगी जेडीयू के नेता और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कह दिया है कि इस क़ानून पर फिर से विचार किया जाए। उन्होंने कहा कि इस पर चर्चा हो और यदि सभी दल सहमत हों तो संसद को भी इस विवादास्पद क़ाननू पर विचार-विमर्श करना चाहिए। उन्होंने यह बात कोई चुनावी सभा में नहीं, बल्कि बिहार विधानसभा में कही है। नीतीश कुमार की यह प्रतिक्रिया तब आई जब कांग्रेस और लालू यादव के आरजेडी ने नागरिकता क़ानून को धर्म के आधार पर भेदभाव करने वाला बताकर हमला उन पर किया।