भले ही प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री अमित शाह चीख-चीख कर कह रहे हों कि नागरिकता क़ानून पर पीछे हटने का सवाल ही नहीं है, बीजेपी के सहयोगी जेडीयू के नेता और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कह दिया है कि इस क़ानून पर फिर से विचार किया जाए। उन्होंने कहा कि इस पर चर्चा हो और यदि सभी दल सहमत हों तो संसद को भी इस विवादास्पद क़ाननू पर विचार-विमर्श करना चाहिए। उन्होंने यह बात कोई चुनावी सभा में नहीं, बल्कि बिहार विधानसभा में कही है। नीतीश कुमार की यह प्रतिक्रिया तब आई जब कांग्रेस और लालू यादव के आरजेडी ने नागरिकता क़ानून को धर्म के आधार पर भेदभाव करने वाला बताकर हमला उन पर किया।
नागरिकता क़ानून पर पलटा जेडीयू!
- बिहार
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- सत्य ब्यूरो
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- 13 Jan, 2020
बीजेपी का सहयोगी जेडीयू के नेता और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कह दिया है कि नागरिकता क़ानून पर फिर से विचार किया जाए।

जेडीयू ऐसी बात कहने वाला बीजेपी का पहला सहयोगी है। जेडीयू ने नागरिकता क़ानून पर संसद के दोनों सदनों में समर्थन दिया था। लेकिन लगता है कि अब उसका रवैया कुछ बदल रहा है। बता दें कि इस क़ानून के विरोध में देश भर में प्रदर्शन हो रहे हैं। कई जगहों पर हिंसा भी हुई है। विपक्षी दल तो विरोध में हैं ही, नागरिक समाज और बुद्धिजीवी वर्ग भी ज़बरदस्त विरोध कर रहा है। छात्र सबसे ज़्यादा मुखर विरोध कर रहे हैं। अलग-अलग जगहों पर आम लोग विरोध में आ गए हैं। इसके साथ ही एनआरसी का भी विरोध हो रहा है। इन विरोध-प्रदर्शनों का राजनीतिक दलों पर भी दबाव पड़ रहा है।
- Nitish Kumar
- Citizenship Act Protest
- Protest against CAA