loader
फाइल फोटो

क्या लैंड फॉर जॉब्स केस में जल्द गिरफ्तार हो सकते हैं लालू यादव? 

पटना में ईडी लालू यादव से सोमवार को 6 घंटे से ज्यादा समय से पूछताछ कर रही है। ईडी उनसे नौकरी के बदले जमीन या लैंड फॉर जॉब केस में पूछताछ कर रही है। ईडी ने लालू यादव से इस केस में पूछताछ के लिए करीब 50 सवाल तैयार किए हैं। 
इस बीच पटना के राजनैतिक हलकों में चर्चा है कि ईडी इस केस में कभी भी लालू यादव को गिरफ्तार कर सकती है। राजद कार्यकर्ता और नेता दावा कर रहे हैं कि बिहार में सत्ता परिवर्तन के साथ ही लालू यादव को इस उम्र में परेशान किया जा रहा है। वहीं भाजपा के नेता और कार्यकर्ता कह रहे हैं कि लैंड फॉर जॉब्स केस में ईडी जांच कर रही है और वह कानून के मुताबिक कार्रवाई कर रही है। 
इस पूरे मामले पर राजनैतिक विश्लेषकों का मानना है कि ईडी अगर लालू यादव को गिरफ्तार करती है तब राजद को जनता के बीच इस मामले को एक बड़ा मुद्दा बनाने का मौका मिल जाएगा। राजद इस मामले में जनता की सहानुभूति हासिल करने की कोशिश करेगी। ऐसे में लालू कि गिरफ्तारी राजद के लिए फायदेमंद भी साबित हो सकती है। 
वहीं कई राजनैतिक विश्लेषकों का मानना है कि लालू कि गिरफ्तारी होने से राजद को फायदा कम और नुकसान ज्यादा हो सकता है। वे मानते हैं कि लालू राजद में आज भी सबसे बड़े स्टार प्रचारक हैं। लालू यादव राजद के सबसे बड़े रणनीतिकार भी हैं।
अभी-अभी नीतीश के पाला बदलने से राजद को एक बड़ा झटका लगा है और अब अगर लालू गिरफ्तार होते हैं तब राजद कार्यकर्ताओं के आत्मविश्वास में बड़ी कमी आएगी। 

अब ईडी लालू यादव को गिरफ्तार करती है या नहीं यह भी जल्द ही साफ हो सकता है। अगर लालू कि गिरफ्तारी होती है तो इतना तय है कि बिहार की राजनीति में तेजी से उबाल आएगा। 

लालू यादव से पूछताछ के लिए सोमवार की सुबह ईडी की टीम दिल्ली से पटना पहुंची थी। ईडी के सवालों का जवाब देने के लिए लालू यादव पटना स्थित ईडी के स्थानीय कार्यालय में अपनी बेटी और राज्यसभा सांसद मीसा भारती के साथ पहुंचे थे। 
उनके ईडी कार्यालय पहुंचते ही राजद के नेता और कार्यकर्ता बड़ी संख्या में ईडी कार्यालय के बाहर जमा हो गए। देर शाम तक राजद कार्यकर्ता ईडी कार्यालय के बाहर जमा थे। इसमें कई विधायक, पूर्व विधायक, सांसद, पूर्व सांसद भी मौजूद थे। इस दौरान दिन भर केंद्र सरकार और भाजपा के खिलाफ वे नारेबाजी करते रहे। 
इस बीच मीसा भारती ने कहा है कि मेरे पिताजी बीमार हैं। उनके साथ सहयोग के लिए मुझे रहना था, लेकिन गेट के अंदर मुझे जाने नहीं दिया गया। यहां तक कि उनके सहायक को भी रोक दिया गया। उन्होंने कहा कि जब भी चुनाव करीब आते हैं जांच एजेंसियों के समन का ग्रिटिंग कार्ड के रूप में भेज दिया जाता है। 

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

बिहार से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें