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नीतीश फिर बोले- जो शराब पियेगा, वह मरेगा; अब सिवान में भी मौत 

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को एक बार फिर विधानसभा में कहा है कि जो शराब पियेगा, वह मरेगा। उन्होंने कहा कि अगर कोई गड़बड़ शराब पीकर मर जाता है तो उसके लिए कोई सहानुभूति नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि जहरीली शराब पीने से मौत होने पर सरकार कोई मदद नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि सभी धर्मों में शराब को ठीक नहीं माना जाता है। 

नीतीश ने गुरूवार को भी जो शराब पियेगा वह मरेगा वाला बयान दिया था। उनके इस बयान के बाद सियासत गर्म है। विपक्षी दल बीजेपी के नेताओं ने नीतीश कुमार के इस बयान को बेहद असंवेदनशील बताया है। 

अब तक 53 मौत

उधर, छपरा में जहरीली शराब से होने वाली मौतों का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है और यह 53 तक पहुंच गया है। इस मामले में बीजेपी के विधायकों और विधान परिषद सदस्यों ने राजभवन तक मार्च किया है। बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता विजय कुमार सिन्हा ने कहा है कि वह राज्यपाल से सरकार को बर्खास्त करने की मांग करेंगे। 

Chapra hooch tragedy in bihar - Satya Hindi
पीड़ितों से मिलते बीजेपी नेता।

इस बीच बिहार के सिवान जिले से भी जहरीली शराब पीने से 4 लोगों की मौत की खबर आई है। यह घटना सिवान जिले के भगवानपुर पुलिस थाने में हुई है। बताया जा रहा है कि इस घटना में मरने वालों की तादाद बढ़ सकती है।

नीतीश कुमार ने साल 2016 में बिहार में शराबबंदी कानून लागू किया था लेकिन पिछले कुछ सालों में जहरीली शराब से होने वाली मौतों का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है और इस वजह से नीतीश कुमार विपक्षी दलों के निशाने पर हैं।

ऐसा नहीं है कि बिहार में जहरीली शराब से मौतों का मामला नया हो। नीतीश कुमार जब बीजेपी के साथ सरकार में थे तब भी बिहार के कई इलाकों से लगातार जहरीली शराब से मौत होने की खबरें आती थी। 

सुप्रीम कोर्ट पहुंचा मामला

छपरा में जहरीली शराब से मौत के मामले में एसआईटी की जांच की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है। याचिका में अवैध शराब बनाने, व्यापार करने और बिक्री पर अंकुश लगाने की जांच की मांग के साथ ही पीड़ित परिवारों के लिए मुआवजे की मांग की गई है। सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने मामले को तुरंत लिस्ट करने से इनकार कर दिया और याचिकाकर्ता को शीतकालीन अवकाश के बाद मामले को फिर से अदालत के सामने रखने के लिए कहा। 

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बीजेपी-जेडीयू दोनों दोषी

इस मामले में जन अधिकार पार्टी के अध्यक्ष पप्पू यादव ने आरोप लगाया है कि बीजेपी और जेडीयू जहरीली शराब से हुई मौतों के लिए बराबर के भागीदार हैं। उन्होंने कहा है कि बीजेपी के नेता राजीव प्रताप रूडी राज्य में शराब बेचने का काम करते हैं। यादव ने कहा कि जब नीतीश कुमार ने शराबबंदी लागू की थी तब बीजेपी ने नीतीश कुमार का समर्थन किया था लेकिन अब वह इसे लेकर सवाल उठा रही है। 

क़ानून वापस लेने का दबाव 

नीतीश कुमार पर शराबबंदी क़ानून पूरी तरह से वापस लेने का दबाव भी है। बीजेपी के अलावा नीतीश के करीबी हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा के अध्यक्ष जीतन राम मांझी भी कई बार शराबबंदी क़ानून की समीक्षा या समाप्ति की मांग कर चुके हैं। मांझी का कहना है कि इस क़ानून के बाद दलित वर्ग के लोगों को सबसे अधिक गिरफ्तारी का सामना करना पड़ा है जिनके लिए जमानत कराना बहुत मुश्किल काम है।

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क़मर वहीद नक़वी
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