बिहार विधानसभा चुनाव के लिए घोषणापत्र जारी करते ही एनडीए घिर गया है। कांग्रेस ने कहा कि क्या ऐसा होता है कि चंद सेकंड का फोटोशूट हो और 26 सेकंड में घोषणापत्र जारी कर दिया जाए। इसने आरोप लगाया कि पत्रकारों के सवालों से बचने के लिए घोषणापत्र जारी करने के दौरान सिर्फ़ 26 सेकंड की प्रेस कॉन्फ्रेंस हुई और नीतीश को बोलने नहीं दिया गया। पार्टी ने कहा है कि इसका मतलब साफ़ है कि नीतीश कुमार को कठपुतली बनाकर सरकार चलाई जा रही है। कांग्रेस ने कहा कि मेनिफेस्टो लॉन्च के दौरान नीतीश कुमार के साथ जैसा व्यवहार किया गया, वह बिहारियों का अपमान है। इसके साथ ही पार्टी ने एनडीए के घोषणापत्र को झूठ का पुलिंदा बताया है। 

राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन यानी एनडीए द्वारा जारी घोषणापत्र पर कांग्रेस ने तीखा हमला बोला है। पटना में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए अशोक गहलोत ने कहा, 'एनडीए के नेताओं की प्रेस कॉन्फ्रेंस महज 26 सेकंड तक चली। वे पत्रकारों द्वारा उनके शासन के बारे में पूछे जा सकने वाले सवालों से डर गए थे।' गहलोत ने आगे कहा कि एनडीए को अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस की शुरुआत अपने 20 वर्षों के शासन की रिपोर्ट कार्ड से करनी चाहिए थी। उन्होंने आरोप लगाया कि एनडीए के नेता जनता के सामने अपने कामकाज का हिसाब देने से कतरा रहे हैं।

'नीतीश ने घोषणापत्र क्यों नहीं पढ़ा?'

गहलोत की प्रेस कॉन्फ्रेंस में मौजूद कांग्रेस के राज्यसभा सांसद अखिलेश प्रसाद सिंह ने भी एनडीए पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को घोषणापत्र पर बोलने नहीं दिया गया। सिंह ने सवाल उठाया, 'उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने घोषणापत्र पर क्यों बोला, जबकि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार खुद मौजूद थे? क्या नीतीश कुमार घोषणापत्र पर बोलने की स्थिति में नहीं थे?'

अखिलेश प्रसाद सिंह ने आगे कहा, "आज बीजेपी ने जिस तरह महज चंद सेकंड का फोटोशूट कर 'संकल्प पत्र' जारी किया, उसका मतलब साफ है कि नीतीश कुमार को कठपुतली बनाकर सरकार चलाई जा रही है। मेनिफेस्टो लॉन्च के दौरान नीतीश कुमार के साथ जैसा व्यवहार किया गया, वह बिहारियों का अपमान है। यहां तक कि 'संकल्प पत्र' भी बीजेपी नेता और उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी से पढ़वाया गया। साफ है- नीतीश सरकार का चेहरा आगे करके उनके वोट बैंक का इस्तेमाल किया जा रहा है। हमारा यही कहना है कि आज बीजेपी जो जेडीयू और नीतीश कुमार के साथ कर रही है, वही सबके साथ होना है।"
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'इन सवालों के जवाब दें मोदी-शाह'

अशोक गहलोत ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में एनडीए सरकार के 'संकल्प पत्र' को झूठ का पुलिंदा बताया। उन्होंने कहा कि इन्हें अपने 20 साल का रिपोर्ट कार्ड देना चाहिए और ये जनता को बताएँ कि इन्होंने बिहार में कितना विकास किया है? गहलोत ने कहा कि नरेंद्र मोदी, अमित शाह को जवाब देना चाहिए-
  • बिहार समेत देश भर में पेपर लीक क्यों हो रहे हैं?
  • मोदी सरकार इसे रोकने के लिए क्या कर रही है?
  • नौकरी मांगने वालों पर लाठीचार्ज क्यों हो रहा है?
  • बिहार के अंदर अपराध क्यों बढ़ रहा है?
गहलोत ने कहा कि नरेंद्र मोदी ने कहा था बिहार को हम सवा लाख करोड़ रुपए का पैकेज दे रहे हैं। उन्हें इसका हिसाब देना चाहिए। गहलोत ने कहा कि नरेंद्र मोदी ने कहा था-
  • बिहार में चीनी मिल लगाएंगे
  • एमएसपी को कानूनी गारंटी देंगे
  • युवाओं को रोजगार देंगे
  • महिलाओं को सशक्त करेंगे
  • 50 लाख करोड़ रुपए का निवेश होगा 
गहलोत ने कहा कि 'असलियत में नरेंद्र मोदी ने कुछ भी नहीं दिया। नीतीश सरकार 20 साल से सत्ता में है और केंद्र में मोदी जी 11 साल से सत्ता में हैं, लेकिन बिहार के लिए एक भी काम नहीं किया। लेकिन जैसे ही हमारी महागठबंधन की सरकार आएगी, हम अपने सभी वादे पूरा करेंगे।'
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'एनडीए ने 20 साल का हिसाब नहीं दिया'

अखिलेश प्रसाद सिंह ने कहा कि बिहार में एनडीए की सरकार द्वारा 20 साल का कोई हिसाब नहीं दिया गया है। उन्होंने कहा, 'जिस बिहार को शिक्षा का केंद्र माना जाता रहा, वहां शिक्षा की हालत बहुत ख़राब है। स्वास्थ्य सेवा भी चरमरा चुकी है। आज सबसे ज्यादा पलायन बिहार से हो रहा है। सबसे कम आय बिहार के लोगों की है। नीति आयोग के मुताबिक- बिहार कई पैमानों पर सबसे निचले पायदान पर है। एक तरफ कहा जाता है कि बिहार में उद्योगों के लिए जमीन नहीं है, दूसरी तरफ अडानी को 1 रुपए में जमीन दे दी गई।' उन्होंने कहा, 'बिहार में अपराध चरम पर है। अकले नीतीश कुमार के राज में 53 हजार से ज्यादा हत्याएं हुईं हैं। आज हर ओर मर्डर हो रहे हैं।'

गहलोत ने महागठबंधन के घोषणापत्र से तुलना करते हुए कहा कि महागठबंधन का फोकस बिहार की जनता की वास्तविक समस्याओं पर है, जैसे बेरोजगारी, शिक्षा, स्वास्थ्य और किसानों की समस्याएं।