बिहार विधानसभा चुनाव में प्रचार के दौरान हुए जबरदस्त घमासान के बाद अब नतीजों का इंतजार है। लेकिन उससे पहले आए एग्जिट पोल इस बात की ओर इशारा कर रहे हैं कि राज्य में महागठबंधन के नेतृत्व में सरकार बन सकती है। महागठबंधन का चेहरा तेजस्वी यादव हैं और एनडीए ने नीतीश कुमार की अगुवाई में चुनाव लड़ा। देखना होगा कि जीत का सेहरा किसके सिर बंधता है। 

बिहार में तीन चरणों में चुनाव हुए। पहले चरण में 16 जिलों की 71 सीटों पर, दूसरे चरण में 17 जिलों की 94 सीटों पर और तीसरे चरण में 15 जिलों की 78 सीटों पर चुनाव प्रक्रिया सम्पन्न हुई। 
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एबीपी-सी वोटर, टाइम्स नाउ-सी वोटर, आज तक-एक्सिस माइ इंडिया, टीवी9 भारतवर्ष, रिपब्लिक-जन की बात और टुडेज़ चाणक्य ने ये एग्जिट पोल किए हैं। एनडीए को एबीपी-सी वोटर के अनुसार 104-128, टाइम्स नाउ- सी वोटर के हिसाब से 116, आज तक-एक्सिस माइ इंडिया के अनुसार 69-91, टीवी9 भारतवर्ष के मुताबिक़ 110, रिपब्लिक- जन की बात के अनुसार 117-91 और टुडेज़ चाणक्य के मुताबिक 55 सीटें मिल सकती हैं।

दूसरी ओर, महागठबंधन को एबीपी- सी वोटर के अनुमान से 108-131, टाइम्स  नाउ-सी वोटर के मुताबिक़ 120, आज तक-एक्सिस माइ इंडिया के अनुसार 139-161, टीवी9 भारतवर्ष के हिसाब से 115-125, रिपब्लिक-जन की बात के अनुसार 138-118 और टुडेज़ चाणक्य के मुताबिक 55 सीटें मिल सकती हैं।
44 प्रतिशत लोगों ने तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री के रूप में देखना पसंद किया है जबकि नीतीश कुमार को 35 प्रतिशत और लोक जनशक्ति पार्टी के मुखिया चिराग पासवान 7 प्रतिशत लोगों की पसंद हैं।

चुनाव प्रचार के दौरान एनडीए के लिए वोट मांगने बिहार पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तेजस्वी यादव को निशाने पर लेते हुए उन्हें जंगलराज का युवराज बताया था। मोदी बार-बार तेजस्वी के माता-पिता यानी लालू-राबड़ी के शासनकाल पर हमला बोलते हुए कहते थे कि जंगलराज के युवराज को बिहार की सत्ता में नहीं आने देना है। 
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सहरसा की रैली में पीएम मोदी ने कहा था, ‘आपको उन लोगों से सतर्क रहना है, जिनका इतिहास जंगलराज का है। ऐसे लोगों से सतर्क रहना है, जो बिहार के लिए नहीं, सिर्फ अपने और अपने परिवार के लिए जीते हैं।’ उन्होंने कहा था कि ऐसे लोगों को बिहार की मान-मर्यादा और मान-सम्मान से कोई लेना-देना नहीं है। 

मोदी ने जंगलराज का आरोप लगाते हुए कहा था कि बिहार की जनता ने जंगलराज और डबल युवराज को सिरे से नकार दिया है। डबल युवराज कहकर उन्होंने तेजस्वी और राहुल गांधी पर निशाना साधा था। 
बिहार के एग्जिट पोल पर देखिए वरिष्ठ पत्रकार प्रभु चावला और आशुतोष की बातचीत। 

चुनाव नतीजे आने के बाद कार्यकर्ता शांत रहें, हुड़दंग न करें इसके लिए आरजेडी की ओर से कार्यकर्ताओं को सख़्त हिदायत दी गई है। 

ऐसे में जब एग्जिट पोल के नतीजे आए तो कई लोगों ने आशंका व्यक्त की कि कहीं आरजेडी के कार्यकर्ता चुनाव नतीजों वाले दिन उपद्रव न कर दें। आरजेडी के कार्यकर्ताओं पर लालू-राबड़ी के शासनकाल के दौरान दबंगई करने के आरोप लगते रहे हैं। 

इसी को ध्यान में रखते हुए आरजेडी ने अपने कार्यकर्ताओं से कहा है कि वे इस बात को याद रखें कि 10 नवम्बर को चुनाव परिणाम जो भी आएं आपकी राजनीति की परिधि अथवा केंद्र में, लक्ष्य अथवा मार्ग में केवल जन, जन सुविधा और जन उत्थान ही हैं और रहेंगे।

पार्टी ने कहा है, ‘चुनाव परिणाम कुछ भी हों उसे पूरे संयम, सादगी और शिष्टाचार से स्वीकारना है। अनुचित आतिशबाज़ी, हर्ष फायरिंग, विरोधियों अथवा उनके समर्थकों के साथ अशिष्ट व्यवहार इत्यादि किसी कीमत पर स्वीकार नहीं होगा।’

सरकारी नौकरियों का वादा

आरजेडी ने ये मैसेज देकर कार्यकर्ताओं को स्पष्ट रूप से समझा दिया है कि पार्टी नहीं चाहती कि उस पर विरोधी दल जंगलराज की वापसी होने जैसे गंभीर आरोप लगाएं। एग्जिट पोल के नतीजों से लगता है कि चुनाव प्रचार के दौरान तेजस्वी द्वारा किए गए दस लाख सरकारी नौकरियों के वादे और बिहार के स्थानीय मुद्दों पर बात करने को जनता ने तरजीह दी है।