आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने बुधवार 16 जुलाई को भारत के चुनाव आयोग (ईसीआई) पर जबरदस्त हमला किया। उन्होंने कि चुनाव आयोग जिस तरह बीजेपी के इशारे पर काम कर रहा है, उससे बिहार के लाखों मतदाता फर्जी वोटर के नाम पर मतदाता सूची से बाहर हो जाएंगे। उनकी पार्टी चुनाव आयोग की इस बदनीयती को समझ चुकी है। उन्होंने अलग से एक वीडियो भी ट्वीट किया, जिसमें बीजेपी नेता मतदाता सूची के गहन संशोधन अभियान में दखल दे रहे हैं।
तेजस्वी यादव ने कहा कि बिहार में कुल 7 करोड़ 90 लाख मतदाता हैं। ज़रा कल्पना कीजिए, अगर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के इशारे पर सिर्फ 1 प्रतिशत मतदाताओं को भी छाँट दिया जाता है, तो करीब 7 लाख 90 हज़ार लोगों के नाम वोटर लिस्ट से गायब कर दिए जाएंगे। यहाँ हमने केवल 1 प्रतिशत की बात की है, जबकि बीजेपी की योजना इससे भी आगे बढ़कर 4 से 5 प्रतिशत तक नाम कटवाने की है।
तेजस्वी यादव ने अलग से एक वीडियो भी शेयर किया, जिसमें जिला भाजपा अध्यक्ष गहन मतदाता संशोधन प्रक्रिया (एसआईआर) में हस्तक्षेप कर रही है। बीएलओ के काम को वो अंजाम दे रही हैं।
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तेजस्वी ने कहा- अगर हम इस एक प्रतिशत को यानि 7 लाख 90 हज़ार मतदाताओं को 243 विधानसभा क्षेत्रों से विभाजित करते है तो प्रति विधानसभा 3251 मतदाताओं का नाम कटेगा। बिहार में कुल 77,895 पोलिंग बूथ है और हर विधानसभा में औसतन 320 बूथ हैं। अब अगर एक बूथ से 10 वोट भी हटेंगे तो विधानसभा के सभी बूथों से कुल 3200 मत हट जायेंगे। 
पूर्व डिप्टी सीएम ने कहा- अब विगत दो विधानसभा चुनावों के क्लोज मार्जिन से हार-जीत वाली सीटों का आंकड़ा देखें तो 2015 विधानसभा चुनाव में 3 हज़ार से कम मतों से हार-जीत वाली कुल 15 सीटें थी एवं 2020 के चुनाव में 3 हज़ार से कम वोटों से हार-जीत वाली कुल 35 सीटें थी।
उन्होंने कहा- अगर 5 हज़ार से कम अंतर से हार-जीत वाली सीटों को गिनें तो 2015 में 32 सीटें और 2020 में ऐसी कुल 52 सीटें थी। अगर इनके मद्देनजर मतदाताओं के नाम हटे तो हर विधानसभा क्षेत्र पर असर पड़ेगा।

तेजस्वी का बड़ा आरोप 

आरजेडी नेता ने कहा कि चुनाव आयोग के माध्यम से बीजेपी का निशाना अब ऐसी हर सीट पर है। ऐसी ही सीटों के चुनिंदा बूथों, समुदायों और वर्गों के बहाने से ये लोग वोट छाँटना चाहते है। लेकिन हम सब सतर्क है, हमारे कार्यकर्ता हर जगह हर घर जाकर इनकी बदनीयती का भंडाफोड़ करते रहेंगे। हम लोकतंत्र को ऐसे खत्म नहीं होने देंगे।

वोट जोड़ने के लिए रिश्वत मांगी जा रही

तेजस्वी यादव ने इससे पहले आरोप लगाया था कि बिहार में आपका वोट जोड़ने के लिए रिश्वत मांगी जा रही है। एक वोट जोड़ने का 40 रुपये। 20 वर्षों की NDA सरकार में इतना भ्रष्टाचार व्याप्त है कि बिना 500 रुपये लिए तो अधिकारी/कर्मचारी आपका प्रणाम भी स्वीकार नहीं करेंगे, काम तो भूल ही जाएं। उन्होंने कहा-   मैंने पहले दिन ही कहा था कि मतदाता सूची विशेष गहन पुनरीक्षण में मांगे गए दस्तावेज बहुत कम लोगों के पास है। अगर सरकारी कार्यालय जायेंगे तो बिना रिश्वत लिए अधिकारी आवास, जाति सहित अन्य प्रमाण पत्र बनायेंगे ही नहीं। चुनाव आयोग ने मखौल बना दिया है। BLO भी जानते है कि चुनाव आयोग ने किनका नाम काटना है यह पूर्व निर्धारित है, बाक़ी सब चुनाव आयोग ढकोसला कर रहा है।

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9 दिन और बचे, 86.32 फीसदी फॉर्म जमा

एसआईआर (SIR) के तहत भरे हुए गणना प्रपत्र (EF) जमा करने की अंतिम तिथि में नौ दिन शेष हैं। चुनाव आयोग ने बताया है कि बिहार के 7,89,69,844 मतदाताओं में से 6,81,67,861 या 86.32 फीसदी गणना प्रपत्र (EF) एकत्र किए जा चुके हैं। भारत के चुनाव आयोग (ECI) की एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, मृतक, स्थायी रूप से स्थानांतरित और एक से अधिक स्थानों पर नामांकित लोगों को शामिल करते हुए, एसआईआर के गणना प्रपत्र (EF) जमा हो चुके हैं। अब 25 जुलाई की समय सीमा से पहले केवल 9.16 प्रतिशत मतदाता ही अपने भरे हुए EF जमा करने के लिए बचे हैं।