लाइव लॉ के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट ने माना कि वह दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस भूषण के इस फैसले से सहमत नहीं है कि दिल्ली सरकार के पास सभी सेवाओं पर कोई शक्ति नहीं है।