राजधानी में बेतहाशा बढ़ते कोरोना संक्रमण को लेकर दिल्ली सरकार ने शनिवार देर शाम को नयी पाबंदियों की घोषणा की है। ये नयी पाबंदियाँ रेस्तराँ, थियेटर, सार्वजनिक परिवहन, सार्वजनिक सभा और शादियों व अंतिम संस्कार में लोगों के इकट्ठे होने के संदर्भ में हैं। नयी घोषणा 30 अप्रैल तक के लिए है। यानी इस महीने के आख़िर में जैसी स्थिति होगी, उसके अनुसार फ़ैसले लिए जाएँगे।
सरकार की यह ताज़ा घोषणा रात के कर्फ्यू से अलग है। दिल्ली सरकार ने 6 अप्रैल को रात के कर्फ़्यू की घोषणा की थी। यह कर्फ्यू रात के 10 बजे से सुबह 5 बजे तक के लिए है। यह फ़ैसला भी 30 अप्रैल तक के लिए है।

दिल्ली में ये फ़ैसले तब लिए गए हैं जब राजधानी में शनिवार को एक दिन में 7,897 नए कोरोनो वायरस के मामले आए हैं और 39 मौतें हुईं। शुक्रवार को एक दिन में 8,500 से अधिक नए संक्रमण आए थे। मरीज़ों की बढ़ती संख्या को देखते हुए कुछ दिन पहले ही दिल्ली सरकार ने 100 से अधिक बेड वाले निजी अस्पतालों में कोरोना मरीज़ों के लिए 30 फ़ीसदी बेड आरक्षित करने के लिए कहा है। इन अस्पतालों में सामान्य बेड के अलावा आईसीयू बेड भी कोरोना मरीज़ों के लिए आरक्षित करने होंगे। 

क्या लगाए गए हैं ताज़ा प्रतिबंध?

बता दें कि स्कूलों और कॉलेजों को इस सप्ताह के शुरू में ही बंद करने के लिए कहा गया था। इसके अलावा कोरोना के कंटेनमेंट ज़ोन के नियम भी पहले की तरह जारी रहेंगे। सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन और मास्क पहनने के नियमों में कोई बदलाव नहीं किया गया है। 
नये नियमों की घोषणा से पहले मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा था कि कुछ दिनों से कोरोना के केस बहुत तेज़ी से बढ़ रहे हैं और संक्रमण को रोकना ज़रूरी है। 

हालाँकि क़रीब एक हफ़्ते पहले ही अरविंद केजरीवाल ने एक बैठक में सख़्त फ़ैसले लेने के प्रति अनिच्छा जताई थी। उन्होंने कहा था कि दिल्ली में लॉकडाउन नहीं लगाया जाएगा। 
केजरीवाल ने कहा था, 'हम घटनाक्रम पर बहुत कड़ी नज़र रख रहे हैं। पहली और चौथी लहर के बीच का अंतर यह है कि बहुतों का होम क्वरेंटीन में ही इलाज नहीं किया जा रहा है। फ़िलहाल के लिए लॉकडाउन लागू करने की कोई योजना नहीं है। यदि भविष्य में ऐसी ज़रूरत हुई तो हम लोगों के साथ चर्चा करेंगे और एक ज़रूरी निर्णय लेंगे। लेकिन अभी तक, कोई लॉकडाउन नहीं है।'