जेएनयू में हुई हिंसा को लेकर दिल्ली पुलिस ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ़्रेंस की। उम्मीद थी कि पुलिस प्रेस कॉन्फ़्रेंस में कुछ बड़ा ख़ुलासा ज़रूर करेगी क्योंकि घटना को छह दिन बीत चुके थे। लेकिन पुलिस ने जो कुछ कहा, उससे नहीं लगता कि पुलिस ने इतने दिनों में जेएनयू के अंदर गुंडई करने वाले नक़ाबपोशों को सामने लाने को लेकर थोड़ी सी भी कसरत की हो।
जेएनयू हिंसा: इधर-उधर घुमा रही है पुलिस, नक़ाबपोश गुंडों को क्यों नहीं पकड़ती?
- दिल्ली
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- 11 Jan, 2020

ऐसा नहीं लगता कि दिल्ली पुलिस जेएनयू के अंदर गुंडई करने वाले नक़ाबपोशों को सामने लाने को लेकर थोड़ी सी भी गंभीर हो।

प्रेस कॉन्फ़्रेंस में दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच के डीसीपी जॉय टिर्की ने कहा कि 4 जनवरी को कैंपस में हिंसा हुई और सर्वर रूम में तोड़फोड़ की गई। उन्होंने कहा कि जेएनयू में 1 से 5 जनवरी तक रजिस्ट्रेशन होना था। लेकिन एसएफ़आई, आआईसा, एआईएसएफ़, डीएसएफ़ रजिस्ट्रेशन नहीं होने देना चाहते थे और रजिस्ट्रेशन करने वालों को धमकाया जा रहा था।
























