पहले दौर में बिना लक्षण वाले यानी एसिमटोमेटिक लोग बिलकुल सुरक्षित थे लेकिन नए स्ट्रेन में तो गंभीर संक्रमण होने पर भी कई लोगों में कोई लक्षण दिखाई नहीं देता या फिर बहुत देर से दिखाई देता है। तब तक बहुत देर हो चुकी होती है। फेफड़ा को गंभीर नुक़सान हो चुका होता है।
किसी एक इलाक़े में अगर 40 या 50 प्रतिशत लोगों को इम्यूनिटी मिल भी गयी तो भी पूरे देश को इम्यून नहीं माना जा सकता है। आज के दौर में पूरी दुनिया की आबादी का लगभग 60 से 70 प्रतिशत हिस्सा जब तक इम्यून नहीं हो जाता तब तक हर्ड इम्यूनिटी नहीं आ सकती है।