सरकार शनिवार को फ्लाइट्स के बेतहाशा बढ़े किराये पर जागी। केंद्र ने 'असामान्य रूप से अधिक किराए' पर सीमा लगाई, 7 दिसंबर तक यात्रियों का रिफंड पूरा करने का आदेश। इंडिगो की उड़ानों में लगातार पाँचवें दिन भी व्यवधान जारी रहने के बीच, नागरिक उड्डयन मंत्रालय (MoCA) ने 6 दिसंबर, 2025 को इंडिगो की उड़ान सेवाओं में व्यवधान के कारण टिकट कीमतें बढ़ने को नियंत्रित करने के लिए हवाई किराए की सीमा तय करने की घोषणा की।
मंत्रालय ने कहा कि उसने "मौजूदा व्यवधान के दौरान कुछ एयरलाइंसों द्वारा असामान्य रूप से ऊंचे हवाई किराए वसूले जाने की चिंताओं का संज्ञान लिया है", जिसके बाद फौरन हस्तक्षेप किया गया। मंत्रालय ने सभी एयरलाइंसों को जारी आधिकारिक निर्देश में "निर्धारित किराया सीमाओं का सख्त पालन" करने का आदेश दिया है। मंत्रालय ने चेतावनी दी कि "तय मानदंडों में किसी भी गड़बड़ी पर सार्वजनिक हित में फौरन कार्रवाई की जाएगी।" इन सीमाओं को अस्थायी नियंत्रण उपाय बताया गया है, जो "स्थिति पूरी तरह स्थिर होने तक लागू रहेंगी"।

उधर, भारत की सबसे बड़ी एयरलाइन इंदिरा गांधी (इंडिगो) के संचालन में जारी संकट ने पांचवें दिन भी हाहाकार मचा रखा है। शनिवार को चार प्रमुख हवाईअड्डों पर 440 से अधिक उड़ानें रद्द कर दी गईं, जबकि शुक्रवार को ही 1,000 से ज्यादा उड़ानें प्रभावित हो चुकी थीं। पायलटों की रोस्टरिंग (ड्यूटी आवंटन) की समस्या और क्रू की कमी के कारण यह विमानन मेल्टडाउन देशभर में फैल गया है। केंद्र सरकार सिर्फ लीपापोती कर रही है। हालांकि सरकार ने जांच समिति गठित की है और कार्रवाई का वादा किया है। लेकिन उसके अब तक के एक्शन से यही लग रहा है कि सरकार सिर्फ लीपापोती में जुटी है।

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यह संकट इस हफ्ते की शुरुआत में शुरू हुआ, जब पायलट रोस्टरिंग की गड़बड़ी के कारण उड़ानें प्रभावित होने लगीं। इंडिगो, जो देश की घरेलू हवाई यात्रा का लगभग दो-तिहाई हिस्सा संभालती है और प्रतिदिन करीब 2,300 उड़ानें संचालित करती है, इस कमी से बुरी तरह जूझ रही है।

शुक्रवार को इंडिगो ने 1,000 से अधिक उड़ानें रद्द की। एयरलाइंस के दबाव में आकर डीजीसीए (नागरिक उड्डयन महानिदेशालय) ने फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिट (एफडीटीएल) नियमों में छूट दे दी। लेकिन पायलट एसोसिएशन ने इसका विरोध किया। उसने कहा कि अगर पायलटों और क्रू सदस्यों को लंबी ड्यूटी करना पड़ी तो सुरक्षा संबंधी खतरे बने रहेंगे। डीजीसीए की राहत और सरकार के बयान के बावजूद शनिवार को हालात नहीं सुधरे। नतीजा- चार प्रमुख हवाईअड्डों पर 400 से ज्यादा उड़ानें रद्द। बेंगलुरु में 124, मुंबई में 109, दिल्ली में 106 और हैदराबाद में 66 उड़ानें प्रभावित। अन्य हवाईअड्डों पर भी रद्दीकरण जारी: तिरुवनंतपुरम (6), अहमदाबाद (19), चेन्नई (कई रद्द, लंबी कतारें) और पुणे (42)।

हालांकि दिल्ली हवाईअड्डा प्राधिकरण ने बताया कि इंडिगो की उड़ानें धीरे-धीरे सामान्य हो रही हैं, लेकिन यात्री अभी भी परेशान हैं। लेकिन ग्राउंड से आ रही रिपोर्ट बता रही है कि हालात किसी भी एयरपोर्ट पर सामान्य नहीं हुए हैं।

इंडिगो फ्लाइट्स की अराजकता पांचवें दिन भी जारी है

इंडिगो में आई समस्या की मुख्य वजह पायलटों की रोस्टरिंग में खामियां और क्रू की कमी है। अदालत द्वारा तय पायलट ड्यूटी और आराम के नियमों (एफडीटीएल) में अस्थायी राहत मिलने के बावजूद समस्या बरकरार है। इंडिगो की विशाल नेटवर्क के कारण यह संकट पूरे विमानन क्षेत्र को प्रभावित कर रहा है। नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने शुक्रवार को संसद में कहा था कि सरकार इस विघटन को नजरअंदाज नहीं करेगी। उन्होंने तत्काल सामान्यता बहाल करने और यात्रियों को सहायता प्रदान करने पर जोर दिया। मंत्री ने फौरन जांच समिति गठित कर दी। 

इंडिगो का माफीनामा

इंडिगो ने एक्स पर सार्वजनिक माफी मांगी और कहा, "हम अपनी गलती मानते हैं और विश्वास वापस जीतने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे।" एयरलाइन ने राहत उपायों की घोषणा करते हुए कहा कि रिफंड और छूट 5 से 15 दिसंबर 2025 के बीच रहेगी।  बुकिंग पर रद्दीकरण या पुनः शेड्यूलिंग पर पूर्ण छूट मिलेगी। इंडिगो ने दावा किया कि वेट टाइम कम करने के लिए क्षमता बढ़ाई गई है। उसने यात्रियों से अपील की है कि इंडिगो की वेबसाइट पर फ्लाइट स्टेटस चेक करें, नोटिफिकेशन और एआई असिस्टेंट का उपयोग करें। जानकारी लिए बिना एयरपोर्ट न जाएं।

यह विमानन क्षेत्र का सबसे बड़ा संकट है, जो क्रिसमस और नए साल की छुट्टियों से पहले यात्रियों के लिए झटका है। सरकार और इंडिगो के संयुक्त प्रयासों से उम्मीद है कि जल्द सामान्य स्थिति बहाल हो जाएगी। लेकिन इंडिगो का कहना है कि 15 दिसंबर से पहले स्थिति सामान्य होने वाली नहीं है। सरकार सोमवार तक की डेडलाइन बता रही है।