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तुर्की के राष्ट्रपति की पत्नी से मिलने पर आमिर ख़ान की देशभक्ति पर उठ रहे हैं सवाल

फ़िल्म अभिनेता-निर्माता आमिर ख़ान एक बार फिर विवादों के केंद्र में हैं। अपनी फ़िल्म 'लाल सिंह चड्ढा' की शूटिंग के लिए तुर्की गए आमिर ने वहाँ के राष्ट्रपति की पत्नी इमीने अर्दवान से मुलाक़ात क्या कर ली, उनकी देशभक्ति पर सवाल उठ रहे हैं। विश्व हिन्दू परिषद, बीजेपी से सहानुभूति रखने वाले लोग और दूसरे कई तरह के लोग सोशल मीडिया पर आमिर ख़ान पर टूट पड़े हैं। 
विश्व हिन्दू परिषद ने इस अभिनेता की यह कह कर आलोचना की है कि 'भारत-विरोधी तत्वों' से उनका प्रेम बढ़ता ही जा रहा है।
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'द प्रिंट' के अनुसार, वीएचपी के अंतरराष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा,

'कुछ लोग और अभिनेता उन लोगों के प्रति झुकाव रखते हैं जो भारत-विरोध के लिए जाने जाते हैं। तुर्की की प्रथम महिला से एक अभिनेता के मुलाक़ात करने में गौरव का अनुभव करने से काफ़ी कुछ साफ़ हो जाता है।'


आलोक कुमार, अंतरराष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष, वीएचपी

मामला क्या है?

बता दें कि आमिर ख़ान 'लाल सिंह चड्ढा' की शूटिंग के सिलसिले में तुर्की गए थे तो उन्होंने राष्ट्रप रिजब तैयप अर्दवान की पत्नी इमिने अर्दवान से मुलाक़ात की। 
तुर्की की प्रथम महिला ने खुद ट्वीट कर यह जानकारी दी और खुशी जताई कि एक भारतीय अभिनेता अपनी फ़िल्म की शूटिंग तुर्की में कर रहा है। उन्होंने कहा,  'मुझे दुनिया के मशहूर भारतीय अभिनेता, फ़िल्म प्रोड्यूसर और निर्देशक आमिर ख़ान से इंस्ताम्बुल में मिल कर बहुत खुशी हुई।' 

क्या कहा इमीने अर्दवान ने?

उन्होंने इसके आगे लिखा, 'मुझे यह जानकार बहुत खुशी हुई कि आमिर ने अपनी ताज़ा फ़िल्म लाल सिंह चड्ढा की शूटिंग तुर्की के अलग-अलग जगहों पर कर अपने फ़िल्म का समापन करने का फ़ैसला किया है।'
यह ध्यान देने की बात है कि इमिने अर्दवान ने आमिर ख़ान को 'भारतीय' फ़िल्म अभिनेता कह कर उद्धृत किया है और इस पर खुशी जताई है कि एक 'भारतीय फ़िल्म निर्माता' अपने फ़िल्म की शूटिंग तुर्की में कर रहा है।
इमिन ने ऐसा कुछ नहीं कहा है जिसे भारत-विरोधी कहा जा सके या भारत के लोगों को बुरा लगे। 

क्या कहना है वीएचपी का?

लेकिन विश्व हिन्दू परिषद के लिए इतना ही काफ़ी है कि तुर्की भारत-विरोधी है। वीएचपी के प्रवक्ता विनोद बंसल ने 'द प्रिंट' से कहा, 'भारत के लोगों और भारतीय दर्शकों ने उनके साथ इतना अच्छा बर्ताव किया और उन्हें अभिनेता बना दिया, आज वे लोग भारत-विरोधी तुर्की के लोगों से मिलने में गौरव का अनुभव कर रहे हैं।'
वीएचपी के विनोद बंसल आमिर ख़ान का नाम नहीं लेते और वह 'वे लोग' कह कर बुलाते हैं। 'वे लोग' का मतलब? क्या उनका मतलब भारत के मुसलमान अभिनेताओं से है?

क्या कहना है बीजेपी नेता मनोज तिवारी का?

दिल्ली बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष और सांसद मनोज तिवारी ने इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा, 'तुर्की लंबे समय से भारत के पक्ष में बातें नहीं कर रहा, ऐसे में यह ख़बर बेहद चौंकाने वाली है। फ़िलहाल मेरी आमिर खान से कोई बात नहीं हो पाई है, लेकिन बस इतना कहना चाहूंगा कि देश के किसी भी सेलिब्रिटी को अपना आचरण ऐसा रखना चाहिए कि उनके फैंस को तकलीफ न हो।' 
ट्विटर पर कई कमेंट आ रहे हैं, लोग तरह-तरह की बातें ट्वीट कर रहे हैं और बार-बार तुर्की को भारत-विरोधी बता रहे हैं। इस आधार पर ही तुर्की राष्ट्रपति की पत्नी से मुलाक़ात को लेकर आमिर ख़ान की आलोचना कर रहे हैं।
आमिर ख़ान ट्विटर पर बुरी तरह ट्रोल हो रहे हैं। @Saffron_Tweeter नामक ट्विटर हैंडल ने लिखा है,  'क्या उन्होंने इसकी चर्चा की कि नरेंद्र मोदी 2014 में प्रधानमंत्री बने, उसके बाद उनकी पत्नी को भारत में कितना डर लगने लगा? उन्हें लगा कि भारत असहिष्णु हो गया है और हर जगह इसलामोफोबिया है। मुझे उम्मीद है कि आप दोनों (आमिर और उनकी पत्नी) को बुलाकर तुर्की में बसाएंगे। आमिर की पत्नी घर पर बैठी यही सोच रही होगी।'
aamir khan controversy over meeting first lady of turkey emine erdogan - Satya Hindi

तुर्की का विरोध क्यों?

बता दें कि तुर्की ने कश्मीर का विशेष दर्जा ख़त्म करने और समान नागरिकता क़ानून पारित किए जाने के बाद भारत का विरोध किया था। तुर्की ने कहा था कि कश्मीर समस्या का समाधान संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों के मुताबिक़ भारत और पाकिस्तान की बातचीत के जरिए ही निकल सकता है। 
सीएए का विरोध करने के बाद भारत ने गुस्सा होकर तुर्की को दिए पानी के दो जहाज़ बनाने का ऑर्डर रद्द कर दिया था। 
तुर्की ने जिस तरह वहां के म्यूज़ियम हागिया सोफ़िया को मसजिद में तब्दील कर दिया और स्वयं अर्दवान ने वहां जाकर नमाज पढ़ी थी, लोगों ने इसकी भी आलोचना की थी। 

विवादों से पुराना रिश्ता

याद दिला दें कि आमिर ख़ान इसके पहले भी कई बार विवादों में घिर चुके हैं। उन्होंने नवंबर 2015 में कहा था, 'एक व्यक्ति के तौर पर, एक नागरिक के रूप में इस देश के हिस्से के तौर पर हम समाचार पत्रों में पढ़ते हैं कि क्या हो रहा है, हम इसे समाचारों में देखते हैं और निश्चित तौर पर मैं चिंतित हुआ हूं। मैं इससे इनकार नहीं कर सकता। मैं कई घटनाओं से चिंतित हुआ हूँ।'

इस फ़िल्म अभिनेता ने रामनाथ गोयनका पुरस्कार वितरण कार्यक्रम में कहा था, 'मैं जब घर पर किरण के साथ बात करता हूँ, वह कहती हैं कि 'क्या हमें भारत से बाहर चले जाना चाहिए?' किरण का यह बयान देना एक दुखद एवं बड़ा बयान है। उन्हें अपने बच्चे की चिंता है। उन्हें भय है कि हमारे आसपास कैसा माहौल होगा। उन्हें हर दिन अखबार खोलने में डर लगता है।'
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क़मर वहीद नक़वी
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