राजस्थान की एक अदालत ने 1993 ट्रेन विस्फोट मामले के मुख्य आरोपी अब्दुल करीम टुंडा को बरी कर दिया। अजमेर में टाडा (आतंकवादी और विघटनकारी गतिविधियां अधिनियम) अदालत ने गुरुवार को सबूतों की कमी का हवाला देते हुए यह फ़ैसला दिया। दो अन्य आरोपी- इरफान और हमीदुद्दीन- को दोषी पाया गया और अदालत ने उन दोनों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई।
1993 ट्रेन सीरियल ब्लास्ट के मुख्य आरोपी अब्दुल करीम टुंडा बरी
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- 29 Feb, 2024
1993 में पाँच शहरों में ट्रेनों में हुए सिलसिलेवार विस्फोटों में दो लोग मारे गए और कई अन्य घायल हो गए थे। सीबीआई ने सभी मामलों को एक साथ जोड़ दिया और 1994 में इसे अजमेर की टाडा अदालत में भेज दिया।

पुलिस कड़ी सुरक्षा के बीच गुरुवार सुबह क़रीब 11.15 बजे टुंडा, इरफान और हमीदुद्दीन को लेकर टाडा अदालत पहुंची। ये तीनों 6 दिसंबर 1993 को लखनऊ, कानपुर, हैदराबाद, सूरत और मुंबई में ट्रेनों में हुए सिलसिलेवार बम धमाकों में आरोपी थे।