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अरूण मिश्रा ने जम्मू-कश्मीर के लिए क्यों की अमित शाह की तारीफ़?

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष अरूण मिश्रा ने मंगलवार को गृह मंत्री अमित शाह की जमकर तारीफ़ की। मिश्रा ने एक कार्यक्रम में कहा कि शाह ने जम्मू-कश्मीर में एक नये युग की शुरुआत की है। इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी मौजूद थे। 

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के 28वें स्थापना दिवस के मौक़े पर आयोजित कार्यक्रम में मिश्रा ने कहा कि भारत पर मानवाधिकारों के उल्लंघन का आरोप लगाने का नियम बन गया है और ऐसा अंतरराष्ट्रीय ताक़तों के इशारे पर होता है। 

कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कुछ लोग मानवाधिकारों को लेकर सलेक्टिव एप्रोच रखते हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे लोग मानवाधिकारों को राजनीतिक फ़ायदे-नुक़सान के चश्मे से देखते हैं। उन्होंने कहा कि सलेक्टिव व्यवहार लोकतंत्र के लिए बेहद ख़तरनाक है। 

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कौन हैं अरूण मिश्रा?

अरूण मिश्रा को सुप्रीम कोर्ट से सेवानिवृत्त होने के बाद इस साल राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग का अध्यक्ष बनाया गया था। मिश्रा ने सुप्रीम कोर्ट का जज रहने के दौरान एक कार्यक्रम में कहा था कि प्रधानमंत्री मोदी बहुमुखी प्रतिभा के धनी हैं, जिनके पास वैश्विक नज़रिया है और काम स्थानीय स्तर पर करते हैं। उन्होंने मोदी को 'अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख़्यात विज़नरी' बताया था। 

मोदी की तारीफ़ करने पर बार एसोसिएशन ऑफ़ इंडिया और सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन ने उनकी आलोचना की थी। 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पूर्व जस्टिस मिश्रा के बयान को लेकर कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने तंज कसा है। रमेश ने कहा है कि प्रधानमंत्री और गृह मंत्री गुजरात के दिनों से ही मानवाधिकारों का मखौल उड़ाते रहे हैं और अब उनकी जुगलबंदी अरूण मिश्रा के साथ हो गई है। 

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मानवाधिकार आयोग का काम देश के हर शख़्स को सरकारी जुल्मों से बचाना है। उसका काम कहीं भी ऐसा होने पर सरकार की आलोचना करना और पीड़ितों को इंसाफ़ दिलाना भी है। लेकिन आयोग अगर सरकार के साथ जुगलबंदी करेगा, उसके साथ रिश्ते बेहतर बनाने की कोशिश करेगा तो वह कैसे पीड़ितों के हक़ में मज़बूती से आवाज़ उठा पाएगा। 

अरूण मिश्रा ने कहा है कि अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर में एक नये युग की शुरुआत की है। लेकिन अनुच्छेद 370 ख़त्म करने के बाद जिस तरह कश्मीर में कई महीनों तक आर्थिक गतिविधियां पूरी तरह ठप रहीं, लंबे वक़्त तक इंटरनेट सेवाएं ठप रहीं, बच्चे स्कूल-कॉलेज नहीं जा सके, कई बड़े नेताओं को लंबे वक़्त तक नज़रबंद कर दिया, कश्मीरियों ने इसकी हज़ारों शिकायतें भी कीं, उनकी परेशानियों पर बात करने का और उन्हें दूर करने का जिम्मा भी अरूण मिश्रा का ही है। 

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क़मर वहीद नक़वी
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