जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) के पूर्व छात्र उमर खालिद, शरजील इमाम आदि को अपनी ज़मानत याचिका पर सुप्रीम सुनवाई सुनवाई जारी रखने के लिए सोमवार तक इंतजार करना होगा। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार 6 नवंबर को फिर से तारीख दे दी। अब इसकी सुनवाई 10 नवंबर सोमवार को होगी। दूसरी तरफ गुजरात हाई कोर्ट ने रेप केस में मुजरिम आसाराम की सजा को मेडिकल आधार पर 6 महीने के लिए सस्पेंड कर दिया है। यानी ज़मानत पर बाहर आया आसाराम अभी 6 महीने और बाहर रहेगा। 

आसाराम का मामला  

आसाराम की सज़ा पर छह महीने का निलंबन आदेश गुजरात हाईकोर्ट की एक बेंच ने गुरुवार को दिया। आसाराम 2013 के रेप के मामले में दोषी करार है और उसे सजा सुनाई जा चुकी है। इससे पहले, राजस्थान हाईकोर्ट ने पिछले महीने आसाराम को सज़ा के निलंबन के साथ ज़मानत दे दी थी। अदालत ने उसकी "वेजीटेटिव कंडीशन" (अचेत अवस्था) और जेल में इलाज के लिए मेडिकल सुविधाओं की कमी को देखते हुए अपील स्वीकार कर ली थी। 
अप्रैल 2018 में, जोधपुर की एक सेशन कोर्ट ने आसाराम को 2013 में अपने आश्रम में एक नाबालिग लड़की से दुष्कर्म के लिए आजीवन कारावास की सज़ा सुनाई थी।
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गुजरात हाईकोर्ट में गुरुवार को क्या हुआ

गुरुवार को जस्टिस इलेश जे. वोरा और जस्टिस आर.टी. वच्छानी की बेंच के सामने, आसाराम के वकील देवदत्त कामत ने राजस्थान हाईकोर्ट के सज़ा निलंबित करने वाले आदेश को पेश किया। आदेश की जाँच करने के बाद, गुजरात की अदालत ने कहा, जैसा कि कानूनी खबरों की वेबसाइटों ने कोट किया है: “उसी तर्ज पर अनुमति दी गई। हम इसे छह महीने के लिए उसी अनुसार संशोधित कर रहे हैं।”
कामत ने अदालत से आसाराम की मेडिकल स्थिति और उम्र पर विचार करने का अनुरोध किया था। कामत ने कहा, "जब भी अपील लिस्ट होगी, हम उस पर बहस करेंगे। हम देरी करने की कोशिश नहीं कर रहे हैं।" हालांकि राज्य के वकील ने गुजरात हाईकोर्ट की बेंच को सूचित किया कि आसाराम को गुजरात की जेल में चिकित्सा सुविधाएं प्रदान की जा सकती हैं। लेकिन हाईकोर्ट ने 6 महीने तक सजा निलंबित रखने का आदेश जारी कर दिया।

हालांकि रेप पीड़िता के वकील ने जबरदस्त आपत्ति जताई। पीड़िता के वकील बी.बी. नाइक ने दलील दी: “पिछली बार मैंने कहा था कि वह (आसाराम) भारत का दौरा करना चाहते हैं। 27 अगस्त के राजस्थान हाईकोर्ट के आदेश में भी यह दर्ज किया गया है। आज वह इलाज ले रहे हैं। पेश किए गए मेडिकल प्रमाणपत्रों में यह नहीं कहा गया है कि उनकी स्थिति गंभीर है।”

उमर खालिद को फिर मिली सिर्फ तारीख

सुप्रीम कोर्ट में, जस्टिस अरविंद कुमार और जस्टिस एन.वी. अंजारिया की बेंच ने उमर खालिद, शरजील इमाम, गुलफिशा फातिमा, मीरान हैदर आदि के मामले को अगली सुनवाई के लिए स्थगित कर दिया। बेंच जब सोमवार 10 नवंबर फिर से बैठेगी, तो दिल्ली पुलिस के वकील दिल्ली दंगों के मामले में बड़ी साज़िश के आरोपी उमर और अन्य को ज़मानत दिए जाने के खिलाफ अपनी दलीलें पेश करेंगे। उमर, शरजील इमाम, गुलफिशा, मीरान हैदर आदि आरोपी पांच साल से अधिक समय से जेल में बंद हैं। अभी तक यह मुकदमा शुरू नहीं हो पाया है। ट्रायल कोर्ट में जब से यह केस जमानत के लिए सुना गया और सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार 6 नवंबर तक अब तक 21 बार इस केस की सुनवाई टल चुकी है। हर बार तारीख मिलती है।
इससे पहले 3 नवंबर को इस मामले की सुनवाई थी। तब वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल, सलमान खुर्शीद, सिद्धार्थ अग्रवाल और गौतम खजांची ने अलग-अलग आरोपियों की ओर से दलीलें पेश की थीं। 
उमर खालिद और अन्य ने दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा 2 सितंबर को उन्हें ज़मानत देने से इनकार करने के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। शीर्ष अदालत ने 22 सितंबर को पुलिस को नोटिस जारी किया था। नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) को लेकर हुई झड़पों के बाद फरवरी 2020 में दिल्ली में दंगे हुए थे। दिल्ली पुलिस के अनुसार, दंगों में 53 लोगों की मौत हुई और सैकड़ों लोग घायल हुए। उस दौरान बड़े पैमाने पर सोशल एक्टिविस्टों, छात्र नेताओं, मुस्लिम युवकों पर केस दर्ज हुए थे।