loader

जाने-माने गायक बप्पी लाहिड़ी का निधन

जाने-माने संगीतकार और गायक बप्पी लाहिड़ी का मंगलवार रात को निधन हो गया है। वह 69 साल के थे। पीटीआई के मुताबिक, बप्पी लाहिड़ी बीते एक महीने से मुंबई के एक अस्पताल में भर्ती थे और सोमवार को ही उन्हें छुट्टी दी गई थी। लेकिन मंगलवार को उनकी तबीयत फिर से बिगड़ गई और उन्हें अस्पताल लाया गया, जहां रात को उन्होंने अंतिम सांस ली। 

वह स्वास्थ्य से जुड़ी कई दिक्कतों से जूझ रहे थे।  बीते साल अप्रैल में उन्हें कोरोना हुआ था लेकिन कुछ दिन अस्पताल में रहने के बाद वह इससे उबर गए थे।

बप्पी लाहिड़ी के द्वारा गाए गए गाने 1970 और 80 के दशक में बेहद लोकप्रिय हुए। इन में चलते-चलते, डिस्को डांसर, शराबी आदि शामिल हैं। कुछ ही दिनों के अंदर भारत में संगीत और गायन जगत को यह एक और बड़ा झटका लगा है। कुछ दिन पहले मशहूर गायिका लता मंगेशकर का भी निधन हो गया था।

ताज़ा ख़बरें
बप्पी लाहिड़ी के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी सहित तमाम बड़े नेताओं और संगीत व गायन से जुड़ी हस्तियों ने शोक जताया है। 

माता-पिता से मिली तालीम 

वह एक बंगाली परिवार में जन्मे थे और उनके पिता और माता दोनों ही गायन और संगीत के क्षेत्र में थे। वह अपने माता-पिता की इकलौती संतान थे। मशहूर गायक किशोर कुमार उनके मामा लगते थे। बप्पी के बारे में कहा जाता है कि उन्होंने 3 साल की उम्र से ही तबला बजाना शुरू कर दिया था और इसकी तालीम उन्हें अपने माता-पिता से ही मिली थी। 

देश से और खबरें

बप्पी को उनके डिस्को स्टाइल गानों के लिए जाना जाता था। बप्पी 31 जनवरी 2014 को बीजेपी में शामिल हुए थे और पार्टी ने उन्हें पश्चिम बंगाल में श्रीरामपुर सीट से अपना उम्मीदवार बनाया था लेकिन वह टीएमसी के नेता कल्याण बनर्जी से हार गए थे।

बप्पी ने 1973 में नन्हा शिकारी फिल्म में अपना पहला गाना गाया था और इसके बाद वे लगातार दर्जनों फिल्मों में गायन और संगीत से अपनी ख़ुशबू बिखेरते रहे। 

बप्पी लाहिड़ी ने तमिल, बंगाली, कन्नड़ और गुजराती फिल्मों में भी अपना योगदान दिया था। उन्हें फिल्म फेयर अवार्ड सहित कई पुरस्कारों से नवाजा गया था।

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

देश से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें