गुरुवार को ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए 22 मार्च को ‘जनता कर्फ्यू’ रखे जाने की अपील की थी। प्रधानमंत्री ने लोगों से कहा था कि इस वैश्विक महामारी से निपटने के लिये लोग सोशल डिस्टेंसिंग का तरीक़ा अपनायें। इसका सीधा मतलब है कि लोग जितना हो सके, एक-दूसरे से कम मिलें और अगर मिलें तो भी दूरी बनाये रखें। लेकिन लगता है कि बीजेपी के नेता इस महामारी के फैलने को लेकर कतई गंभीर नहीं हैं।
कोरोना: मोदी जी, एमपी बीजेपी के नेताओं को समझाइये ‘जनता कर्फ्यू’ का मतलब
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- 21 Mar, 2020
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए 22 मार्च को ‘जनता कर्फ्यू’ रखे जाने की अपील की थी। लेकिन लगता है कि बीजेपी के नेता इस महामारी के फैलने को लेकर कतई गंभीर नहीं हैं।

इस वायरस के लगातार फैलने के कारण केंद्र सरकार ने 65 साल से ज़्यादा उम्र के व्यक्तियों और 10 साल से छोटे बच्चों को घर से बाहर न जाने के लिये कहा है। कई राज्यों में स्कूल-कॉलेज, जिम, बाज़ारों को बंद कर दिया गया है। बेहद भयावह हालात हैं और अभी तक कोरोना वायरस का कोई इलाज उपलब्ध न होने के कारण लोगों को एक-दूसरे से कम से कम संपर्क रखने के लिये कहा गया है।