नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) ने प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (पीएमकेवीवाई) में गंभीर अनियमितताओं को उजागर किया है। इसमें फर्जी बैंक खाता नंबर, लाभार्थियों की डुप्लिकेट तस्वीरें, बंद ट्रेनिंग सेंटर और 34 लाख से अधिक लंबित भुगतान शामिल हैं।
प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना का कैग ऑडिट
कॉम्प्ट्रोलर एंड ऑडिटर जनरल (सीएजी) ने प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (पीएमकेवीवाई) को लागू करने में गंभीर खामियां पाई हैं। रिपोर्ट में बैंक खाता संख्या के रूप में '11111111111' जैसी फर्जी एंट्रीज, बंद प्रशिक्षण केंद्रों में ट्रेनिंग दिखाना, एक ही फोटो का कई लाभार्थियों के लिए इस्तेमाल और लाखों प्रमाणित उम्मीदवारों को भुगतान लंबित होने जैसी अनियमितताओं का जिक्र किया गया है। यह ऑडिट रिपोर्ट हाल ही में लोकसभा में पेश की गई।
पीएमकेवीवाई योजना जुलाई 2015 में शुरू हुई थी, जिसका उद्देश्य युवाओं को उद्योग-संबंधी कौशल प्रशिक्षण देकर बेरोजगारी कम करना है। योजना के तीन चरणों (2015-2022) के लिए करीब 14,450 करोड़ रुपये का प्रावधान था और 1.32 करोड़ उम्मीदवारों को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य रखा गया था। इसमें से 1.1 करोड़ उम्मीदवारों को सर्टिफिकेट दिए गए।
बैंक खातों का फर्जीवाड़ा
सीएजी की रिपोर्ट के अनुसार, पीएमकेवीवाई 2.0 और 3.0 में स्किल इंडिया पोर्टल पर दर्ज 95.90 लाख लाभार्थियों में से 94.53 प्रतिशत (90.66 लाख) के बैंक खाते शून्य, 'Null', 'N/A' या खाली थे। 12,122 बैंक खाता नंबर 52,381 उम्मीदवारों के लिए दोहराए गए। कई मामलों में खाता संख्या के रूप में '11111111111...', '123456...' जैसी फर्जी एंट्रीज, एकल अंक, टेक्स्ट, नाम, पता या स्पेशल कैरेक्टर दर्ज किए गए।
ट्रेनिंग सेंटरों की जांच में बिहार में तीन केंद्र बंद पाए गए, लेकिन पोर्टल पर ट्रेनिंग जारी दिखाई गई। बिहार, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और राजस्थान में कई लाभार्थियों के लिए एक ही फोटो का इस्तेमाल किया गया।
34 लाख लाभार्थियों का भुगतान रोका गया
भुगतान के मामले में गंभीर लापरवाही सामने आई है। पीएमकेवीवाई 2.0 और 3.0 में 95.91 लाख प्रमाणित उम्मीदवारों में से केवल 61.14 लाख (63.75 प्रतिशत) को अक्टूबर 2024 तक डीबीटी से भुगतान हुआ। 34 लाख से अधिक प्रमाणित उम्मीदवारों का भुगतान अपर्याप्त जानकारी के कारण लंबित है। यहां बताना ज़रूरी है कि सरकार पीएमकेवीवाई (PMKVY) के तहत ट्रेनिंग फीस का भुगतान लाभार्थी की ओर से करती है (लगभग ₹8,000 तक), और सर्टिफिकेशन के बाद ₹500 का नकद इनाम (रिवॉर्ड) और ₹2 लाख का दुर्घटना बीमा देती है, साथ ही प्लेसमेंट और अन्य सहायता भी मिलती है। हालांकि पीएमकेवीवाई 4.0 में कुछ नए प्रोत्साहन (जैसे इंटर्नशिप भत्ता) भी हैं।
सीएजी ने लाभार्थी सर्वे में भी अनियमितताएं पाईं, जहां ईमेल डिलीवरी फेलियर रेट 36.51 प्रतिशत रहा और कई प्रतिक्रियाएं एक ही ईमेल से आईं।
मंत्रालय ने जवाब में कहा कि योजना को मजबूत बनाने के लिए तकनीकी निगरानी, आधार-आधारित ई-केवाईसी, फेस ऑथेंटिकेशन, जियो-टैग्ड अटेंडेंस और पेनल्टी फ्रेमवर्क जैसी सुविधाएं जोड़ी गई हैं। बंद केंद्रों और फर्जीवाड़े पर कार्रवाई की जा रही है।
सीएजी की यह रिपोर्ट योजना के प्रभावी कार्यान्वयन और पारदर्शिता पर सवाल उठाती है, जिससे युवा कौशल विकास और रोजगार से जुड़ी चुनौतियां फिर से चर्चा में आ गई हैं।