फ्लाइट्स धड़ाधड़ कैंसल होने से देश के तमाम एयरपोर्ट पर अराजकता का माहौल बना हुआ है। सबसे ज्यादा इंडिगो एयरलाइंस के यात्री परेशान हैं। इसकी वजह उन नए नियमों को बताया जा रहा है, जिसे डीजीसीए ने लागू किया है।
फ्लाइट कैंसल होने से देश के महत्वपूर्ण एयरपोर्टों पर अराजकता माहौल बना हुआ है।
देश के तमाम प्रमुख हवाईअड्डों से चौंकाने वाली खबरें आ रही हैं। फूट फूटकर निकलने वाला यात्रियों का गुस्सा, हताशा भरी अपीलें और लाचारी- देशभर के हवाई अड्डों पर इंडिगो के काउंटरों पर बेचैनी पैदा कर रही हैं। एयरलाइन को ऑपरेशनल समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, जिससे सैकड़ों उड़ानों में देरी या रद्द हो रही हैं। हजारों यात्री हवाई अड्डों पर पड़े हुए हैं। रेलवे स्टेशन जैसे दृश्य एयरपोर्ट पर दिख रहे हैं। हवाईअड्डों पर अराजकता का मामला शुक्रवार को संसद में विपक्ष ने जोरशोर से उठाया। सरकार ने कहा कि नागरिक उड्डयन मंत्री समस्या का अध्ययन कर रहे हैं। नेता विपक्ष राहुल गांधी ने एक्स पर लिखा कि यह मोनोपली (एकाधिकार) उद्योगों को बढ़ाने का नतीजा है।
अराजकता के पीछे क्या कारण है?
इंडिगो ने इस स्थिति के लिए "कई अप्रत्याशित ऑपरेशनल चुनौतियों" को जिम्मेदार ठहराया है। इनमें मामूली तकनीकी खराबियां, सर्दी के मौसम से जुड़े शेड्यूल परिवर्तन, प्रतिकूल मौसम की स्थिति, विमानन प्रणाली में बढ़ती भीड़भाड़ और अपडेटेड क्रू रॉस्टरिंग नियमों (फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशंस - FDTL) का कार्यान्वयन शामिल है। हालांकि इनमें से अधिकांश कारण असामान्य नहीं हैं, लेकिन आखिरी वाला सबसे बड़ा है। खास बात यह है कि पायलट और क्रू मेंबर्स जो ज्यादा समय तक ड्यूटी की वजह से काम कर रहे थे, उनकी तकलीफ और आराम को एयरलाइन कोई तवज्जो नहीं दे रहा है।
जनवरी 2024 में, नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA), राष्ट्रीय विमानन नियामक ने यात्री विमानों के लिए व्यापक बदलाव किए। नए नियम पायलटों और क्रू को पर्याप्त आराम देने पर केंद्रित हैं ताकि यात्री सुरक्षा बढ़े। नए नियमों की मुख्य विशेषताएं हैं: फ्लाइट क्रू के लिए साप्ताहिक आराम अवधि का विस्तार, रात में एक घंटे का इजाफा, अधिकतम फ्लाइट ड्यूटी अवधि और रात्रि लैंडिंग की संख्या पर सीमा तय। उदाहरण के लिए, पायलटों और क्रू के लिए रात्रि शिफ्ट को रॉस्टर अवधि में केवल दो बार तक सीमित कर दिया गया, जबकि पहले यह छह बार था।
जैसे ही नए नियम लागू हुए, कई क्रू सदस्य एयरलाइंस के पुराने शेड्यूल पर ही चलते रहे। इससे रॉस्टर में अराजकता फैली, उड़ानें रद्द या देरी से आई-गईं।
राहुल गांधी का बयान
नेता विपक्ष राहुल गांधी ने 5 दिसंबर को एक्स पर लिखा- इंडिगो की विफलता इस सरकार के एकाधिकार मॉडल की कीमत है। एक बार फिर, इसकी कीमत आम भारतीयों को चुकानी पड़ रही है - देरी, रद्दीकरण और लाचारी के रूप में। भारत हर क्षेत्र में निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा का हकदार है, न कि मैच-फिक्सिंग वाले एकाधिकार का। राहुल गांधी ने 2024 में अपने उस लेख को भी शेयर किया है, जिसमें उन्होंने देश को एकाधिकार वाली मोदी सरकार की उद्योग नीति से सावधान किया था। राहुल ने उसमें लिखा था कि एक उद्योग क्षेत्र में किसी एक कंपनी पर निर्भर नहीं रहा जा सकता, क्योंकि उसकी मोनपली हो जाएगी। अब नतीजा सामने है। देश में अधिकांश घरेलू उड़ानों के रेट इंडिगो के पास है। एयरपोर्ट का रखरखाव अडानी समूह की कंपनी के पास है। सरकार एयर इंडिया को टाटा को बेच चुकी है।
नए नियम लागू करने से इंडिगो भाग क्यों रही है
DGCA ने इंडिगो के साथ उच्चस्तरीय बैठक की, जहां एयरलाइन ने स्वीकार किया कि FDTL के दूसरे चरण को लागू करने में "गलत आकलन और योजना की कमी" से यह संकट पैदा हुआ। नवंबर 2025 से पूर्ण रूप से लागू FDTL नियमों ने क्रू की उपलब्धता को और सीमित कर दिया। इंडिगो ने DGCA से A320 फ्लीट के लिए रात्रि ड्यूटी और लैंडिंग सीमाओं में अस्थायी छूट की मांग की है, जो फरवरी 10, 2026 तक लागू रहे। DGCA ने अभी तक सहमति नहीं दी है, लेकिन कुछ राहत की संभावना जताई है। साथ ही, एयरलाइन को हर 15 दिनों में प्रगति रिपोर्ट जमा करने, क्रू भर्ती योजना और मिटिगेशन प्लान प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया है। सिविल एविएशन मिनिस्ट्री ने भी हस्तक्षेप किया है, यात्रियों को पहले से सूचित करने और किराया वृद्धि न करने का आदेश दिया है।इंडिगो पर सबसे ज्यादा असर क्यों पड़ा?
इंडिगो पर नए नियमों का इतना गहरा असर पड़ने का एक कारण इसकी विशाल ऑपरेशनल क्षमता है। अधिकांश घरेलू रूट इंडिगो के पास है। और कोई एयरलाइन उस रूट पर जाती ही नहीं। इंडिगो की वेबसाइट के अनुसार, इंडिगो प्रतिदिन 2,200 से अधिक घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानें संचालित करता है। यह एयर इंडिया की दैनिक उड़ानों की संख्या से लगभग दोगुनी है। इतने बड़े पैमाने पर, 10-20 प्रतिशत देरी या फ्लाइट रद्द होने मतलब 200-400 उड़ानों का प्रभाव और हजारों यात्रियों के लिए कष्ट है।
इंडिगो खुद को कम लागत वाली एयरलाइन बताता है। लेकिन उसकी ज्यादातर फ्लाइट्स रात को आती-जाती हैं। इससे फ्लाइट के घंटे लंबे और डाउनटाइम न्यूनतम रहता है। ये सभी DGCA के नए नियमों के विपरीत हैं, जिससे अराजकता फैल रही है।
पायलटों के संगठन ने क्या कहा- एयरलाइन पायलट्स एसोसिएशन (ALPA) का कहना है कि एयरलाइंस को DGCA के नए नियमों को लागू करने के लिए पर्याप्त समय दिया गया था। "पर्याप्त समय मिलने के बावजूद, अधिकांश एयरलाइंस ने देर से तैयारी शुरू की, जो 15 दिनों पहले क्रू रॉस्टर को ठीक से समायोजित करने की आवश्यकता के अनुरूप नहीं था। इससे पता चलता है कि एयरलाइंस के मैनेजमेंट नाकाम हो गए और रणनीतिक योजना का कहीं अता पता नहीं है। जबकि नए मानदंड पायलट थकान से लड़ने के लिए बढ़े हुए आराम अवधि और अन्य प्रतिबंधों का आदेश देते हैं। लेकिन एयरलाइंस इसके मुताबिक शेड्यूल नहीं बना सके।"
एक अन्य संगठन, फेडरेशन ऑफ इंडियन पायलट्स ने DGCA को लिखे पत्र में कहा कि "वर्तमान रुकावट इंडिगो की लंबे समय से चली आ रही और असामान्य हल्की मानव संसाधन रणनीति का प्रत्यक्ष नतीजा है। खासतौर से इन-फ्लाइट ऑपरेशंस में यह नाकामी सामने आ गई है।"
फ्लाइट्स की अराजकता के ताजा अपडेट
पिछले 48 घंटों में 300 से अधिक उड़ानें रद्द हुईं। आज लगभग 100 उड़ानें रद्द होने की संभावना है। इनमें से 33 हैदराबाद से और के लिए हो सकती हैं। बेंगलुरु में 70 से अधिक रद्दीकरण हो सकते हैं। 4 दिसंबर को 550 से अधिक उड़ानें रद्द हुईं, जिसमें मुंबई में 104, दिल्ली में 225 शामिल हैं। कुल मिलाकर, 2-4 दिसंबर के बीच 600 से अधिक रद्दीकरण हुए। नवंबर में 1,232 उड़ानें रद्द हुईं, जिनमें 755 FDTL से जुड़ी थीं। ऑन-टाइम परफॉर्मेंस अक्टूबर के 84.1% से गिरकर 67.7% पर पहुंच गई।
कई यात्री सोशल मीडिया पर अपनी परेशानियां साझा कर रहे हैं। एक शख्स ने शुक्रवार को सोशल मीडिया पर लिखा- "हम कल शाम 6 बजे से हैदराबाद एयरपोर्ट पर हैं और आज सुबह 9 बजे तक, 12 घंटे से अधिक, पुणे उड़ान के लिए इंडिगो की ओर से कोई कार्रवाई नहीं हुई। इस स्थिति ने काफी असुविधा पैदा की।"
एक अन्य यात्री ने इंडिगो एयरलाइन पर यात्रियों को गुमराह करने का आरोप लगाया। उसने लिखा है- "आज हैदराबाद एयरपोर्ट पर पूर्ण अराजकता- उड़ानें 12+ घंटे देरी से। ठहरने की जगह नहीं दे रहे हैं, उन्होंने हर बार 'बस 2 घंटे और' कहकर टाल दिया 12 घंटों तक। वही बहाना: क्रू जल्द आ रहा है। यह स्थिति अस्वीकार्य है।"
इंडिगो का बयानइंडिगो ने कहा है कि अगले 48 घंटों में उसके ऑपरेशंस सामान्य हो जाएंगे, क्योंकि उसने "कैलिब्रेटेड एडजस्टमेंट्स" शुरू किए हैं। "हमारी टीमें ग्राहक असुविधा को कम करने और जल्द से जल्द स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए रात-दिन काम कर रही हैं," कंपनी ने बयान में कहा, यात्रियों से माफी मांगते हुए। लेकिन DGCA के अनुसार, पूर्ण स्थिरता फरवरी 10, 2026 तक ही संभव है। अगले 2-3 दिनों में रद्दीकरण जारी रहेंगे, और 8 दिसंबर से उड़ानों में कटौती होगी।