जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल (एलजी) मनोज सिन्हा के सचिवालय द्वारा स्कूलों में संस्कृत को अनिवार्य या वैकल्पिक विषय के रूप में शामिल करने का प्रस्ताव विवादों में घिर गया है। यह प्रस्ताव राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के प्रावधानों के तहत एक NGO के प्रमुख पुरुषोत्तम लाल दूबे की याचिका के आधार पर आया है। हालांकि, जम्मू-कश्मीर सरकार ने स्पष्ट किया है कि इस प्रस्ताव को अभी तक मंजूरी नहीं दी गई है, और न ही स्कूलों में संस्कृत को अनिवार्य या वैकल्पिक विषय के रूप में शामिल करने की कोई प्रक्रिया शुरू की गई है।