भ्रष्टाचार भारत में अब रोजमर्रा जिन्दगी का हिस्सा बन गया है। लोग भ्रष्टाचार से छुटकारा तो चाहते हैं लेकिन अपना काम निकलवाने के लिए भ्रष्ट तरीके अपनाने से नहीं हिचकते। चुनावों में खुलकर भ्रष्टाचार मुद्दा बनता है। सत्ता पक्ष पूरी शिद्दत के साथ विपक्ष के हमलों का बचाव करने की कोशिश करता है। अभी हम लोगों ने चुनावी बांड जैसे भ्रष्टाचार के बड़े मामले को देखा। यह भी देखा कि सत्तारूढ़ पार्टी ने किस तरह इसका बचाव करते हुए विपक्ष को ही उल्टा घेरने की कोशिश की। सबसे ज्यादा चुनावी चंदा पाने वाली भाजपा ने कहा कि विपक्ष को ज्यादा चंदा मिला लेकिन यह बात पूरी तरह से झूठ है। लेकिन सीएसडीएस लोकनीति सर्वे में मतदाताओं से भारत में फैले करप्शन पर पूछा गया था।उनसे सवाल था कि मतदाता भ्रष्टाचार के बारे में क्या सोचते हैं? क्या पिछले पाँच वर्षों में भ्रष्टाचार का अनुमानित स्तर बढ़ा है या घटा है? स्थानिक संदर्भों और समाज में भ्रष्टाचार की धारणा कितनी व्यापक है?