चुनाव नियमों में संशोधन कर पहले चुनाव से जुड़े सीसीटीवी फुटेज जैसे डाटा तक लोगों की पहुँच को रोक दिया गया था और अब चुनाव आयोग ने एक चौंकाने वाले फ़ैसले में मतदान के वीडियो और तस्वीरों को सुरक्षित रखने के समय को घटाकर सिर्फ़ 45 दिन कर दिया है। यानी 45 दिनों बाद इन्हें डिलीट कर दिया जाएगा यानी इसके बाद कोई सबूत नहीं रहेगा और शिकायत होने पर भी इसकी जाँच नहीं की जा सकती है। पहले चुनाव के अलग-अलग चरणों को तीन महीने से 1 साल तक इसे रखा जाता था। 'दुरुपयोग' का हवाला देकर यह कदम उठाया गया है, लेकिन अब इस फ़ैसले की पारदर्शिता पर सवाल उठा रहा है। क्या यह निर्णय लोकतंत्र की नींव को कमजोर करेगा या प्रशासनिक सुधार की दिशा में एक क़दम है?
ECI ने मतदान वीडियो, तस्वीरों को सुरक्षित रखने का समय 45 दिन सीमित क्यों किया?
- देश
- |
- 20 Jun, 2025
चुनाव आयोग ने मतदान के वीडियो और तस्वीरों को सिर्फ़ 45 दिन तक सुरक्षित रखने का निर्देश जारी किया है। क्या इसका कारण डेटा दुरुपयोग है या पारदर्शिता से बचना? जानिए इस फ़ैसले पर उठते सवाल क्या।

इस सवाल का जवाब पाने से पहले यह जान लें कि आख़िर भारत के चुनाव आयोग यानी ईसीआई ने क्या फ़ैसला लिया है। आयोग ने बदलाव के इस निर्णय की घोषणा 30 मई 2025 को सभी राज्यों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों यानी सीईओ को भेजे गए एक पत्र के माध्यम से की।