Vote Chori Latest: चुनाव आयोग ने दिल्ली हाईकोर्ट को बताया कि 2024 के लोकसभा चुनाव के दिल्ली से जुड़े सीसीटीवी फुटेज नष्ट कर दिए गए हैं। वकील महमूद प्राचा की याचिका के जवाब में यह तथ्य सामने आया। नेता विपक्ष राहुल गांधी ने इसे वोट चोरी से जोड़ा है।
राहुल गांधी सुप्रीम कोर्ट
वकील महमूद प्राचा ने अपनी याचिका में चुनाव निकाय को देश भर के डीईओ को चुनाव प्रक्रिया के सीसीटीवी फुटेज उपलब्ध कराने का निर्देश देने की मांग की थी। यह भी कहा था कि जब तक मामला अदालत में लंबित है, तब तक फुटेज को नष्ट न किया जाए।
हालांकि, आयोग ने अदालत को बताया कि "आज की तारीख में, याचिकाकर्ता द्वारा मांगा गया डेटा, यानी 2024 के लोकसभा चुनावों से संबंधित वीडियो/सीसीटीवी फुटेज, अब दिल्ली में डीईओ की कस्टडी में नहीं है और पहले ही नष्ट किया जा चुका है।"
यह घटनाक्रम तब हुआ था जब ईसीआई ने जून में ऐसा निर्देश दिया था। ईसीआई ने राज्य चुनाव अधिकारियों को 45 दिनों के बाद चुनाव प्रक्रिया की सीसीटीवी, वेबकास्टिंग और वीडियो फुटेज को नष्ट करने का निर्देश दिया गया था, बशर्ते कि उस अवधि के भीतर फैसले को अदालतों में चुनौती न दी गई हो। ईसीआई ने कहा था कि यह कदम इलेक्ट्रॉनिक डेटा का इस्तेमाल करके "दुर्भावनापूर्ण नैरेटिव" को रोकने के लिए उठाया गया था।
दरअसल, पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट ने कांग्रेस की एक याचिका के जवाब में चुनाव आयोग को वोटिंग के दिन की सीसीटीवी फुटेज उपलब्ध कराने को कहा था। हाईकोर्ट के निर्देश के बाद चुनाव आयोग ने सीसीटीवी फुटेज देने का नियम बदल दिया और राज्यों के चुनाव अधिकारियों से कहा कि वे 45 दिनों बाद सीसीटीवी फुटेज, वेबकास्टिंग और वीडियो फुटेज नष्ट कर दें। बाद में जब राहुल गांधी ने यह सवाल प्रेस कॉन्फ्रेंस में उठाया तो मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने कहा था कि हम अपनी मां-बेटियों-बहनों की वीडियो फुटेज कैसे दे सकते हैं। सोशल मीडिया पर ज्ञानेश कुमार के इस बयान का काफी मज़ाक बना था।
अगस्त में मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) ज्ञानेश कुमार ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में सीसीटीवी फुटेज साझा न करने के लिए मतदाता की गोपनीयता का हवाला दिया था। उन्होंने सवाल किया था कि क्या "माताओं, बेटियों, बहुओं" की फुटेज सार्वजनिक की जानी चाहिए।