नवलखा पर अनलॉफुल एक्विविटीज़ प्रीवेन्शन एक्ट (यूएपीए) लगाया गया है। इन पर भीमा कोरेगाँव दंगों से जुड़े होने का आरोप है।
कौन हैं तेलतुम्बडे?
मंगलवार को तेलतुम्बडे का आत्मसमर्पण विंडबनापूर्ण इसलिए भी है कि वह डॉक्टर बी. आर. आम्बेडकर के रिश्तेदार हैं और उन्हें ठीक उसी दिन आत्मसमर्पण करना पड़ा है जिस दिन देश में डॉक्टर आम्बेडकर का 129वां जन्मदिन मनाया जा रहा है।
तेलतुम्बडे ने दक्षिण मुंबई स्थित एनआईए के दफ़्तर में आत्मसमपर्ण किया तो नवलखा ने नई दिल्ली स्थित दफ़्तर में ख़ुद को एनआईए के हवाले कर दिया।
क्या है मामला?
इसके पहले सुप्रीम कोर्ट ने नवलखा की अग्रिम ज़मानत की याचिका खारिज कर दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने 17 मार्च को इन दोनों से अलग-अलग कहा था कि वे एनआईए के सामने आत्मसमर्पण कर दें।
तेलतुम्बडे के वकील मिहिर देसाई ने पत्रकारों से कहा, 'सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों को देखते हुए आनंद तेलतुम्बडे ने एनआईए के सामने आत्मसमर्पण कर दिया।'
क्या है आरोप?
पुलिस का कहना है कि इन लोगों ने भीमा कोरेगाँव के कार्यक्रम में भड़काऊ भाषण दिए थे। पुलिस का यह भी कहना है कि ये लोग प्रतिबंधित भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) से जुड़े हुए हैं।
बाद में यह मामला एनआईए को सौंप दिया गया।