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पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, भूपेन हजारिका, नानाजी को 'भारत रत्न' 

पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, प्रसिद्ध संगीतकार भूपेन हजारिका और संघ से जुड़े नेता नानाजी देशमुख को 'भारत रत्न' से सम्मानित किया जाएगा। गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने इसकी घोषणा की। नानाजी देशमुख और भूपेन हजारिका को यह सम्मान मरणोपरांत प्रदान किया जाएगा। 

पूर्व राष्ट्रपति मुखर्जी कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रहे हैं। वह यूपीए सरकारों में महत्वपूर्ण पदों पर रहे और फिर उन्हें राष्ट्रपति चुना गया था। अवार्ड की घोषणा के बाद प्रणब मुखर्जी ने ट्वीट में लिखा, 'भारत के लोगों के प्रति विनम्रता और कृतज्ञता व्यक्त करते हुए मैं इस महान भारत रत्न सम्मान को स्वीकार करता हूँ। मैंने हमेशा कहा है और मैं दोहराता हूँ कि मैंने अपने महान देश के लोगों को जितना दिया है, उससे कहीं अधिक उन्होंने मुझे दिया है।'

संघ से जुड़े नानाजी देशमुख पूर्व में भारतीय जनसंघ से जुड़े थे। 1977 में जनता पार्टी की सरकार बनने के बाद उन्होंने मन्त्री पद स्वीकार नहीं किया। अटल बिहारी वाजपेयी सरकार ने उन्हें राज्यसभा का सदस्य मनोनीत किया था। वाजपेयी के कार्यकाल में ही भारत सरकार ने उन्हें शिक्षा, स्वास्थ्य व ग्रामीण स्वालम्बन के क्षेत्र में अनुकरणीय योगदान के लिए पद्म विभूषण भी प्रदान किया। भूपेन हजारिका पूर्वोत्तर राज्य असम से ताल्लुक रखते थे। अपनी मूल भाषा असमिया के अलावा भूपेन हजारिका हिंदी, बंगला समेत कई अन्य भारतीय भाषाओं में गाना गाते रहे थे। उन्होंने फ़िल्म 'गांधी टू हिटलर' में महात्मा गाँधी का पसंदीदा भजन 'वैष्णव जन' गाया था। उन्हें पद्मभूषण सम्मान से भी सम्मानित किया गया था।

भारत रत्न सम्मान राष्ट्रीय सेवा के लिए दिया जाता है। इन सेवाओं में कला, साहित्य, विज्ञान, सार्वजनिक सेवा और खेल शामिल है। 1954 में इस सर्वोच्च नागरिक सम्मान की शुरुआत की गई थी। शुरुआत में इसे मरणोपरांत नहीं देने का प्रावधान था, लेकिन 1995 में इस प्रावधान को बदला गया था।

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क़मर वहीद नक़वी
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