loader

सिंघु बॉर्डर पर पत्थरबाज़ी, खाली कराने की मांग को लेकर प्रदर्शन

कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे किसानों के ख़िलाफ़ स्थानीय  लोग उग्र हो गए हैं। शुक्रवार को नरेला और बवाना के आसपास के गांवों से बड़ी संख्या में लोग सिंघु बॉर्डर पर पहुंचे और बॉर्डर को खाली कराने की मांग की। 

हालात उस वक़्त तनावपूर्ण हो गए जब दोनों ओर से पत्थर चलने लगे। यानी किसान आंदोलनकारी और स्थानीय लोग आमने-सामने आ गए। पुलिस ने हालात को संभालते हुए स्थानीय लोगों पर लाठीचार्ज कर दिया, इसके बाद वे पीछे हटे। पत्थरबाज़ी में कुछ लोग और पुलिसकर्मी घायल हो गए हैं। एसएचओ, अलीपुर पर हमला किया गया है। दोनों ओर से जमकर नारेबाज़ी भी हुई। पुलिसकर्मियों ने स्थानीय लोगों को दूर तक खदेड़ दिया। 

ताज़ा ख़बरें
इससे पहले गुरूवार को भी स्थानीय लोगों ने सिंघु बॉर्डर खाली कराने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया था। ऐसे ही प्रदर्शन हरियाणा-राजस्थान बॉर्डर पर चल रहे धरने के दौरान भी देखने को मिले हैं। जहां स्थानीय लोगों की मांग है कि बॉर्डर को खाली कराया जाए। 

किसान आंदोलन पर देखिए वीडियो- 

ग़ाज़ीपुर बॉर्डर पर गुरूवार शाम को हालात बेहद तनावपूर्ण हो गए थे। प्रशासन ने किसानों से सड़क खाली करने को कहा था लेकिन उन्होंने ऐसा करने से इनकार कर दिया था। इसके बाद राकेश टिकैत के भावुक होने वाले वीडियो ने हालात बदल दिए थे और पूरे पश्चिमी उत्तर प्रदेश से बड़ी संख्या में किसानों ने रात को ही ग़ाज़ीपुर बॉर्डर के लिए कूच कर दिया था। 

गुरूवार रात को ग़ाज़ीपुर, टिकरी और सिंघु बॉर्डर पर भी किसानों ने प्रदर्शन किया था। इन तीनों बॉर्डर्स पर बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात है। 

देश से और ख़बरें

बता दें कि राकेश टिकैत के ख़िलाफ़ ट्रैक्टर रैली हिंसा को लेकर एफ़आईआर भी दर्ज की गई है। दिल्ली पुलिस ने कम से कम 37 किसान नेताओं के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज की है। 

एफ़आईआर में जिन संयुक्त किसान मोर्चा के छह प्रवक्ताओं के नाम हैं, वे हैं: जगजीत सिंह दलेवाल, अध्यक्ष, बीकेयू (सिद्धपुर); बलबीर सिंह राजेवाल, अध्यक्ष, बीकेयू (राजेवाल); दर्शन पाल, अध्यक्ष, क्रांतिकारी किसान यूनियन; राकेश टिकैत, अध्यक्ष, बीकेयू; कुलवंत सिंह संधू, महासचिव, जम्हूरी किसान सभा; योगेंद्र यादव, अध्यक्ष, स्वराज पार्टी इंडिया। 'द इंडियन एक्सप्रेस' की रिपोर्ट के अनुसार, योगेंद्र यादव को छोड़कर बाक़ी सभी ने सरकार के साथ बातचीत में हिस्सा लिया है। 

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

देश से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें