सीवर लाइन में उतरने वाले सफ़ाई कर्मियों की जान जाने के मामले लगातार आने के बावजूद सुरक्षा के उपाय नहीं हो पा रहे हैं। एक दिन पहले ही गुरुवार को गाज़ियाबाद के नंदग्राम में पाँच सफ़ाई कर्मियों के साथ हादसा हो गया। सीवरलाइन में पहले एक सफ़ाई कर्मी गया था। वह बाहर नहीं आया तो दूसरा गया। दूसरा नहीं आया तो तीसरा गया। इसी तरह पाँचों सीवर लाइन में उतर गए। नीचे उतरते ही उनकी साँसें अटकती गईं। पाँचों का अंदर ही दम घुट गया। इनकी पहचान भी नहीं हो पाई है। ऐसे में फ़ेस मास्क, साँस लेने के उपकरण जैसे सुरक्षा की बात करना ही बेईमानी होगी। मीडिया रिपोर्टें हैं कि किसी ठेकेदार के कहने पर वे सीवरलाइन में सफ़ाई के लिए उतर गए थे। अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना पर दुख व्यक्त किया और मृतकों के परिजनों को 10-10 लाख रुपये की सहायता राशि देने की घोषणा की है। मुख्यमंत्री ने प्रबंध निदेशक को जाँच के आदेश दिए हैं। परिवारों को सहायता तो मिल जाएगी, लेकिन क्या इससे आगे होनी वाली संभावित घटनाएँ नहीं हो पाएँगी? क्या सुरक्षा के उपाय नहीं किए जाने चाहिए?
मौत के मुँह में क्यों धकेला जाता रहा है सफ़ाई कर्मियों को?
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- 23 Aug, 2019
सीवर लाइन में उतरने वाले सफ़ाई कर्मियों की जान जाने के मामले लगातार आने के बावजूद सुरक्षा के उपाय क्यों नहीं हो पा रहे हैं? गाज़ियाबाद में पाँच सफ़ाई कर्मियों की मौत हो गई।
