केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार अपनी छवि चमकाने के लिए बड़े पैमाने पर प्रचार अभियान छेड़ने वाली है। इसके तहत सरकार की 14 स्कीमों से जुड़े विज्ञापन प्रचार माध्यमों पर दिखाए जाएँगे और लोगों को बताया जाएगा कि सरकार ने जनता के लिए कितना कुछ किया है। यह प्रचार अभियान तीन महीने चलेगा और आम चुनावों की घोषणा होने और आचार संहिता लागू होने के पहले ही ख़त्म हो जाएगा। ज़ाहिर है, इस पर करोड़ों रुपए खर्च होंगे।
करोड़ों के प्रचार से चमकाया जाएगा मोदी का चेहरा
- देश
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- 22 Dec, 2018

करदाताओं के पैसे से अपनी छवि चमकाएगी मोदी सरकार, करोड़ों रुपये से करेगी चुनाव से पहले प्रचार अभियान, तीन महीने तक चलेगा अभियान

सरकार ने इसके लिए जिन 18 कंपनियों को ‘शॉर्टलिस्ट’ किया है, उनमें ज़्यादातर वे कंपनियां हैं, जिन्होंने इसके पहले भारतीय जनता पार्टी या मोदी के प्रचार अभियान का जिम्मा संभाला था। इनमें प्रमुख है ओगिलवी एंड मेथर, जिसके प्रमुख पियूष पांडेय का प्रधानमंत्री से नज़दीकी है। इसी कंपनी ने 2014 में मोदी का प्रचार अभियान संभाला था। सबसे मशहूर हुआ स्लोगन ‘अबकी बार, मोदी सरकार’, पांडेय का ही गढ़ा हुआ है। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में बीजेपी की कमान संभालने वाली कंपनी वर्मिलियन कम्युनिकेशन भी इस सूची में है। यह कंपनी रामदेव की पतंजलि के विज्ञापन का काम देखती है। क्रेयॉन्स एडवर्टाइजिंग ने बीजेपी के अलावा उसके सहयोगी अकाली दल का चुनाव प्रचार भी देखा था।























