हैदराबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय के दलित पी. एचडी. स्कॉलर रोहित वेमुला की आत्महत्या के 4 साल बाद क्या देश में दलितों की स्थिति में कोई सुधार हुआ है? क्या उच्च शिक्षा संस्थानी स्थिति बेहतर हुई है? क्या   इसके उलट क्या जेएनयू, एएमयू, बीएचयू जैसे उच्च शिक्षा के संस्थानों की स्थिति पहले से बदतर नहीं हुई है?