हिजाब समर्थकों और हिजाब विरोधियों दोनों को मालूम है कि आज हाई कोर्ट में सुनवाई हो रही है लेकिन एमजीएम कॉलेज में जानबूझकर प्रदर्शन आयोजित किया गया। प्रदर्शन में शामिल एक छात्र ने कहा, "हिजाब पहनने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है, लेकिन उनमें से कुछ हिजाब पहनकर क्लास में आईं हैं। अगर उन्होंने हिजाब पहना है, तो हम भी भगवा शॉल पहनेंगे।" एक अन्य छात्रा ने हिजाब में कहा, ''हम इसे बचपन से पहनते आए हैं, अब वे हमसे इसे हटाने के लिए कैसे कह सकते हैं?''
1 जनवरी को, कर्नाटक के उडुपी में एक सरकारी प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेज की छह मुस्लिम छात्राओं को हिजाब पहनकर कक्षाओं में जाने से रोक दिया गया था। कॉलेज प्रबंधन ने प्रतिबंध लगाने के पीछे नई वर्दी नीति का हवाला दिया। यह मुद्दा अब उडुपी के अन्य सरकारी कॉलेजों में भी फैल गया है और तमाम छात्र-छात्राओं ने हिजाब पर प्रतिबंध का विरोध किया है। चिकमंगलूर में कल एक कॉलेज में दलित छात्रों ने नीला दुपट्टा पहनकर हिजाब वाली छात्राओं के समर्थन में प्रदर्शन किया। इसी कॉलेज में उस समय माहौल गर्म हो गया जब इनके विरोध में भगवा दुपट्टा पहने छात्र भी आकर नारेबाजी करने लगे।
वरिष्ठ अधिवक्ता देवदत्त कामथ ने कहा कि छात्रों के एक अन्य बैच द्वारा दायर याचिकाएं आज सुनवाई के लिए सूचीबद्ध नहीं हैं और उनके कागजात मांगे जाने चाहिए और अन्य लोगों के साथ सुनवाई की जानी चाहिए। जस्टिस दीक्षित ने अब दूसरे मामले के कागजात भी मंगवाए हैं। वाद सूची के अनुसार मद संख्या 61 के रूप में सुनवाई की जानी है।