यह बहुत चौंकाने वाला और बेहद सनसनीख़ेज़ ख़ुलासा है कि तेलंगाना और आँध्र में 55 लाख लोगों के नाम वोटर लिस्ट से कट गये थे। यह बात 2015 की है और अब एक आरटीआई के जवाब में चुनाव आयोग ने मान भी लिया है कि इतने बड़े पैमाने पर वोटरों के नाम कट गये थे। इतनी बड़ी गड़बड़ी कैसे हो गयी? चुनाव आयोग ने आधा करोड़ से ज़्यादा लोगों को कैसे उनके मताधिकार से वंचित कर दिया? इसके लिए कौन ज़िम्मेदार है? क्या इसके लिए किसी को सज़ा मिलेगी? शायद नहीं।
एक रहस्य कथा : चुनाव आयोग ने 55 लाख वोटर कैसे ग़ायब किये?
- देश
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- 26 Feb, 2019
यह बहुत सनसनीख़ेज़ ख़ुलासा है कि तेलंगाना और आँध्र में 55 लाख लोगों के नाम वोटर लिस्ट से कट गये थे। यह बात 2015 की है और अब एक आरटीआई के जवाब में चुनाव आयोग ने मान भी लिया है कि इतने बड़े पैमाने पर वोटरों के नाम कट गये थे।

अंग्रेज़ी दैनिक 'टाइम्स ऑफ़ इंडिया' ने इस बारे में एक रिपोर्ट छापी है। रिपोर्ट के मुताबिक़ राज्य चुनाव आयोग ने इसका ठीकरा बीएलओ यानी बूथ लेवल अफ़सरों पर और ख़ुद मतदाताओं पर फोड़ कर अपना पल्ला झाड़ लिया है। आयोग के अधिकारियों का कहना है कि बूथ लेवल अफ़सरों की लापरवाही से यह गड़बड़ी हुई, लेकिन मतदाताओं ने भी इस मामले में लापरवाही की क्योंकि काटे गये मतदाताओं की सूची प्रकाशित की गयी थी, इसलिए जिन लोगों के नाम ग़लत ढंग से कट गये थे, उन्हें अपने नाम वापस जुड़वाने के लिए ज़रूरी प्रक्रिया पूरी करनी चाहिए थी।